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दशहरे के दिन धमतरी के ग्राम कचना में हुई महिला की अंधेकत्ल की गुत्थी क्राइम ब्रांच और बिरेझर पुलिस ने सुलझा ली है। उसका सौतेला बेटा ही हत्यारा निकला। मां को मौत के घाट उतारने के बाद वह रामलीला में पहुंचकर सुग्रीव का रोल किया था। 11 अक्टूबर को बिरेझर पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम कचना में विमला उर्फ ईशा पति डोमारसिंग मारकण्डे (48) की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी।
जानकारी डोमारसिंग को तब हुई जब वह रामलीला मंडली के पात्रों को सजाने-संवारने के बाद रावण दहन के लिए मिट्टीतेल लेने रात 8 बजे घर पहुंचा। क्राइम ब्रांच प्रभारी रमेश साहू ने बताया कि दशहरे के दिन शाम को चुम्मन मारकंडे (30) ने सौतेली मां से खाना बनाने कहा। इस पर उसने ताना मारते हुए कहा कि पत्नी को संभाल नहीं पाए।
वह मायके जाकर बैठी है और मुझे खाना बनाने का हुकुम दे रहे हो। इस पर काफी विवाद हुआ। चुम्मन ने कहा कि तुम्हारे कारण मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो गया है। पिता ने पूरी जमीन जायदाद बेच डाली।
भूखों मरने के नौबत आ गई है। इसी दौरान कमरे में रखा तलवारनुमा धारदार हथियार लाया और विमला के गले और पीठ पर वार कर हत्या कर दी और गांव में चल रही रामलीला में पहुंचा और सुग्रीव का रोल किया। पुलिस ने चुम्मन को धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिसने बताया कि विमला कचना में ही दूसरे के घर शादी होकर आई थी, जिसके 7 बच्चे हैं। नजदीकियां बढ़ने पर वह करीब 8 साल से डोमारसिंग को पति बनाकर उसके साथ रहने लगी थी। बीच-बीच में वह पूर्व पति के घर भी चली जाती थी। डोमारसिंग की विवाहित पत्नी व बच्चे भी साथ में रहते थे। विमला से शादी के बाद डोमारसिंह ने डेढ़ एकड़ जमीन बेच डाली थी। इससे चुम्मन नाराज था।
MadhyaBharat
17 October 2016
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