चम्बल में जैव-विविधता की प्रबल संभावनाएँ
chmbal ghati

फूड एवं ग्रीन एग्रीकल्चर के विशेषज्ञ दल ने मुरैना में किया अध्ययन 

 फूड एण्ड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन के विशेषज्ञ दल ने चम्बल क्षेत्र को जैव-विविधता के मामले में समृद्ध और फूड एवं ग्रीन एग्रीकल्चर के लिये मुरैना को उपयुक्त बताया है। दल ने आज मुरैना में बीहड़ और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों का दौरा किया।

विशेषज्ञ दल ने कहा कि चम्बल संभाग में जैव-विविधता की प्रबल संभावनाएँ मौजूद हैं। दल ने कृषि, वन और सब्जी उत्पादन तथा जैव-विविधता की जानकारियाँ प्राप्त की। दल बीहड़ों और नदी की स्थिति देखने के लिये जैतपुर और भानपुर क्षेत्र में भी पहुँचा। उन्होंने विभिन्न प्रजाति के पौधे और बीहड़ सहित यहाँ की मिट्टी के बारे में भी अध्ययन किया।

भ्रमण के बाद विशेषज्ञ दल ने वन, कृषि तथा अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। दल ने बताया कि यहाँ की स्थितियों और उपलब्ध संसाधनों की जानकारियों की रिपोर्ट भारत सरकार के पर्यावरण एवं कृषि मंत्रालय को सौपेंगे। इसके आधार पर इन इलाकों में जैव-विविधता और ग्रामीणों की आजीविका को बढ़ावा देने की योजनाएँ बनायी जायेंगी, जिनका सीधा लाभ यहाँ के रहवासियों को मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा देश के 5 राज्य में जैव-विविधता और ग्रामीणों की आजीविका संबंधी प्रोजेक्ट तैयार करने के लिये विशेषज्ञों के दल द्वारा भौगोलिक परिस्थितियों का अध्ययन करवाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के अलावा अन्य 5 राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और उड़ीसा हैं। दल का नेतृत्व डॉ. जी.पी. कोपा कर रहे हैं। दल में डॉ. कोण्डा चावरेण्डी, डॉ. एच.एस. गुप्ता, डॉ. सुरजीत विक्रमन, डॉ. सीमा भट्ट और श्री प्रकाश सिंह शामिल हैं।