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विधानसभा में छत्तीसगढ़ सरकार ने दो बड़ी घोषणाएं की। पहली यह कि सरकारी राशन दुकान से अनाज लेने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं होगी। दूसरी, आबादी जमीन पर काबिज सभी को पट्टा दिया जाएगा, जिसमें शहरी क्षेत्र भी शामिल हैं।
खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहले ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि राशन कार्ड में नाम जुड़वाने का काम सतत चल रहा है। कार्ड में दर्ज सभी सदस्यों का पहचानपत्र अनिवार्य है। विधायक डॉ. विमल चोपड़ा ने कहा कि खाद्य विभाग की वेबसाइट से परिवार के आधे सदस्यों के नाम डिलीट हो गए हैं। कहीं- कहीं परिवार के 5- 5 सदस्यों के नाम गायब हैं।
आधार कार्ड नहीं होने के कारण लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है। खाद्य मंत्री ने कहा कि बिना सत्यापन और जांच के ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, कोटवार और मितानिनों के राशन कार्ड निरस्त करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
जमीन पर काबिजों को मिलेगा पट्टा
राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने ऐलान किया कि आबादी जमीन पर काबिज हर व्यक्ति को सरकार जमीन का पट्टा देगी। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही नगरीय निकायों में भी यह योजना लागू की जाएगी। इसके लिए सभी कलेक्टरों को सर्वे कराने के निर्देश दिए गए हैं।
विधायक नवीन मारकंडेय के सवाल के जवाब में मंत्री पाण्डेय ने बताया कि अब तक 11 हजार से अधिक गांवों का सर्वे कराया जा चुका है। विधायक भूपेश बघेल ने पूछा कि क्या भू-राजस्व संहिता सरकार को ऐसा करने की अनुमति देती है? उन्होंने कहा कि इसमें कब्जेधारी के जमीन के सीमांकन में भी दिक्कत होगी। इससे विवाद बढ़ सकता है। मंत्री ने बताया कि पट्टे नियमों को ध्यान में रखकर बांटे जा रहे हैं।
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