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जगदलपुर में पांच सौ व एक हजार के नोटों पर प्रतिबंध का व्यापक असर नक्सलियों पर पड़ रहा है। सुकमा जिले के अंदरुनी इलाकों चिंतागुफा, भेज्जी व जगरगुंडा क्षेत्र में नक्सलियों ने ग्राम सचिव व शिक्षकों व शिक्षाकर्मियों को एक माह का वेतन संगठन को देने का फरमान जारी किया है। दहशत के चलते इसकी शिकायत भी नहीं की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुकमा जिले के चिंतागुफा, भेज्जी व जगरगुंडा क्षेत्र में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिव तथा शिक्षकों व शिक्षाकर्मियों को नक्सलियों ने यह फरमान जारी किया है कि वे पार्टी को अपना एक महीने का वेतन चंदा के रूप में प्रदान करें। सहयोग नहीं करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है।
साथ ही कॉलेज छात्रों पर उनके परिजनों के खातों में नक्सलियों के पुराने नोट 25-25 हजार रुपए जमा करने का भी दबाव बनाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि सप्ताह भर पहले नक्सलियों ने जगरगुंडा क्षेत्र के तीन ग्रामीणों व शासकीय कर्मचारियों को अगवा कर उनकी बेदम पिटाई की थी। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। इस फरमान को नोटबंदी के चलते नक्सलियों की बौखलाहट के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है सुकमा जिले को कभी नक्सलियों का उप मुख्यालय माना जाता रहा है। बीते आठ नवंबर से बड़े नोट पर बंदिश के चलते नक्सलियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। रसद, दवाएं, कपड़े एवं रोजमर्रा से संबधित अन्य खर्चों के लिए उन्हें रुपयों की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार नक्सलियों द्वारा भारी पैमाने पर तेंदूपत्ता ठेकेदार, निर्माण एजेसियों, पंचायतों व बोरवेल वाहनों से लेवी वसूली जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक संभाग में नक्सलियों का सालाना टर्न ओवर एक हजार करोड़ से अधिक बताया जाता है। मंदी से जूझ रहे नक्सली अब शासकीय कर्मचारियों से फौरी तौर पर जरूरतें पूरी करने के लिए उगाही करना चाह रहे हैं।
नक्सल मामलों के जानकारों के अनुसार लेवी वसूली का 70 फीसदी हिस्सा केंद्रीय समिति को भेजा जाता है। वहीं स्पेशल जोनल कमेटी, एरिया कमेटी तथा सशस्त्र लड़ाकू कॉडर पीएललजीए के दस्तों द्वारा लाखों रुपए नगदी छिपाकर रखा जाता है। माह भर पहले मलकानगिरी में हुए मुठभेड़ में मारे गए नक्सल नेताओं से काफी मात्रा में नगद राशि बरामद हुई थी। चूंकि नक्सली अपना इलाका लगातार बदलते रहते हैं इसलिए वे जंगल में गाड़कर भी नकदी रखते हैं। बीजापुर व सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में दो ग्रामीण नक्सलियों के लिए रकम परिवहन करते भी पकड़े गए थे।
सुकमा के एसपी आईके एलेसेला ने कहा 'नक्सलियों द्वारा कर्मचारियों से एक माह की सैलरी जमा करने का फरमान जारी करने तथा कॉलेज विद्यार्थियों से उनका धन बैंक खातों में जमा करने दबाव बनाने की सूचनाएं मिल रही हैं। इसकी तस्दीक करवाई जा रही है। हाल में ही नक्सलियों ने कुछ छात्रों को चेरला भी रकम जमा करवाने भेजा था।'
MadhyaBharat
29 November 2016
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