हाथियों ने ली दो ग्रामीणों की जान
chattisghar elephant atack

 

 
सरगुजा जिले के लुंड्रा वन परिक्षेत्र के ग्राम डढ़ौलीपारा से लगे जंगल में हाथियों को खदेड़ने के प्रयास में जुटे दो ग्रामीणों को हाथियों ने मार डाला। दोनों के रात में घर नहीं लौटने पर उसकी तलाश में निकले परिजन व गांव वालों को शव जंगल में मिला। मौके पर ही पंचनामा व पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
चार दिन पूर्व लुंड्रा वन परिक्षेत्र में घुसे 11 हाथियों का दल मंगलवार शाम बुलगा, उदारी मोड़ होते हुए डढ़ौली के घुटरारोंगसा जंगल पहुंच था। इसकी जानकारी होने पर डढ़ौली, असकला सहित आसपास के कई गांवों के ग्रामीण मशाल लेकर हाथियों को खदेड़ने में जुट गए। हाथियों का दल आगे बढ़ने लगा लेकिन एक हाथी पीछे छूट गया था। गांववालों को इसकी जानकारी नहीं थी। अचानक हाथी की मौजूदगी का एहसास होते ही ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। सभी जान बचाकर भागने लगे।
रात में हाथी खदेड़ने गए डढ़ौलीपारा जरहाडीह के रघुना नगेसिया पिता चइता नगेसिया 55 वर्ष व संतोष नगेसिया पिता धर्मसाय नगेसिया 28 वर्ष घर वापस नहीं लौटे थे। सुबह परिजन उनकी तलाश में लगे थे। बताया गया कि गांव के ही कैलाश पिता लोभित के साथ कुछ अन्य लोग रात को हाथियों के कारण मची भगदड़ में छूटे जूते-चप्पल की खोजबीन में गए थे, इसी दौरान उन्होंने जंगल में रघुना नगेसिया व संतोष नगेसिया का शव देखा।
इसकी जानकारी होते ही मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना पर विधायक चिंतामणी महाराज, एसडीओ फारेस्ट एमडी लहरे, रेंजर जीबी राम, जनपद सदस्य सतीश जायसवाल, सांसद प्रतिनिधि अनिल तिवारी सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे।
घटना स्थल पर ही मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया। मृतकों के परिजनों को 10-10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध करा दी गई है। हाथियों का यह दल अंबिकापुर-पत्थलगांव-जशपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को रघुनाथपुर के पास क्रास कर बुधवार की सुबह अंबिकापुर रेंज के मोहनपुर से लगे जंगल में प्रवेश कर गया था। हाथियों पर निगरानी की जा रही है।