बदलाव ला रही हैं बेलमांड की बेटियां
baloda bazar belmand
 
बालोद में अब महिलाओं के साथ गांव की युवतियां भी समाज में बदलाव लाने के लिए सामने आ रही हैं। बालोद से 20 किमी दूर ग्राम बेलमांड में लड़कियों का भी एक संगठन काम कर रहा है, जो समाज में बदलाव लाने के लिए तत्पर है। यहां कक्षा 9 वीं से कालेज तक पढ़ने वाली लड़कियों ने \'नई दिशा\' नाम से एक संघ बनाया है। एक साल से काम कर रही इन लड़कियों के कारण आज ग्राम बेलमांड की तस्वीर बदल गई है।
महिला कमांडो से ज्यादा इस गांव में लड़कियों की सक्रियता है। पहले चौक चौराहों में खुले आम शराब पीते थे वह अब बंद हो गया है। बेलमांड में कक्षा 9 वीं से कॉलेज तक पढ़ने वाली लड़कियों ने नई दिशा नाम से एक संघ बनाया है। नेतृत्व कॉलेज छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष रेशमी साहू कर रही हैं। टीम में सचिव दीपिका साहू, मिथलेश्वरी, संतोषी उर्वशा, ललेश्वरी नेताम, प्रिया यदु, प्रियंका, पुष्पा, ऋतू, टिकेश्वरी सहित अन्य स्कूली छात्राएं शामिल हैं।
इन लड़कियों ने गांव का माहौल बदलने के लिए पहले अपने घर से शुरुआत की। किसी के घर भाई तो किसी के पिता शराब सेवन करते थे वे भी बेटियों की समझाइश से एक साल के भीतर शराब पीना छोड़ दिए हैं। स्वच्छता का संदेश देने के लिए लड़कियों ने अपने खर्चे से गांव के पांच जगह पर कूड़ादान का निर्माण किया है।
इसमे खुले में कचरा फेंकने के बजाय ग्रामीण एक निश्चित स्थान में कचरा डालते है। गांव को पॉलीथिन मुक्त करने के लिए भी ये बेटियां काम करती हैं। लड़कियों ने पेपर कागज से कैरी बैग का निर्माण किया है। इसका वितरण समय-समय पर दुकानदारों को किया जाता है। वहीं गांव को ओडीएफ बनाने के लिए भी लड़कियां काम कर रही हैं। लड़कियां खुले में शौच जाने वालों की भी निगरानी करती हैं।
टीम की दीपिका, सुमन चांदनी, ऋतु, टिकेश्वरी ने कहा कि युवा पीढ़ी नई सोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसी सोच को सार्थक बनाने के लिए हमने टीम बनाई है। टीम ग्राम के चौक चौराहों पर निगरानी करती है। जहां पहले शराब पीते जाता था। वह अब बंद हो गया है।
अध्यक्ष रेशमी साहू ने बताया कि हमारा मकसद गांव को सुधारने के साथ अपनी निजी जीवन को भी सुधारना है। सभी लड़कियों की सोच है कि उनके होने वाले पति शराब पीना तो दूर की बात अगर गुटखा भी खाते होंगे तो वे शादी के लिए तैयार नहीं होंगे। इस साल टीम की चार लड़कियों की शादी हुई है। उनके पति कोई नशा नहीं करते हैं। ऐसा सभी लड़कियां व उनके पालक वर्ग भी चाहते हैं कि होने वाले पति किसी तरह का नशा न करता हो ताकि परिवार खुशहाल रहे।
ग्राम विकास समिति बेलमांड के अध्यक्ष नरेन्द्र साहू ने कहा लड़कियों के नशामुक्ति के प्रयास से ग्रामीण प्रभावित हुए हैं। सार्वजनिक स्थानों में शराब सेवन पर पाबंदी लगाने व हुल्लड़ को रोकने के लिए पांच सौ रुपए अर्थदंड का नियम भी बनाया गया है।