होटल अंश के संचालक अशोक अग्रवाल पर धोखाधडी का मामला दर्ज
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राजेन्द्र जायसवाल 
रियल स्टेट के कारोबार मे साझेदार होनें के बावजूद अपने अन्य भागीदारों को धोखे में रखकर कुटरचना से 44 लोगों को गजानंदपूरम की जमीन अकेले बेचकर लगभग एक करोड 16 लाख रूपये हड़प लेने के मामले में रायगढ़ पुलिस ने भागीदार भाई आनंद अग्रवाल की लिखित शिकायत पर होटल संचालक अशोक अग्रवाल के खिलाफ धोखाधडी का अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक होटल अंश के संचालक अशोक अग्रवाल का होटल बिजनेस के साथ-साथ रियल स्टेट का भी कारोबार है और मेसर्स दादू बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स के नाम से अशोक के साथ-साथ उनके भाई आनंद अग्रवाल, आनंद की पत्नी श्रीमती निमा अग्रवाल तथा अशोक अग्रवाल की धर्मपत्नी श्रीमती सुधादेवी अग्रवाल फर्म के साझेदार है। इस फर्म के माध्यम से गत 27 अक्टूबर 2004 को एक साझेदारी विलेख निष्पादित किया गया था जिसके तहत फर्म द्वारा भवन निर्माण हाउसिंग प्रोजेक्ट व रियल स्टेट के कारोबार में फर्म को काम करना था। 
इस फर्म के माध्यम से विलेख निष्पादित होनें के बाद बैकुण्ठपुर स्थित पटवारी हल्का नंबर 13 वार्ड नं 1 राजीव नगर में जमीन क्रय करके उसे डेवलप किया गया और गजानंद पुरम के नाम से उसे ग्राहकों को बेचने का निर्णय लिया गया था। साझेदारी विलेख के अनुसार कोई भी अकेलो भागीदार अन्य भागीदार के सहमति के बिना फर्म की संपत्ति का विक्रय, स्थानांतरण या बंधक रखने का कार्य नही कर सकता। इस बात का उल्लेख विलेख के कंडिका 13 में भी वर्णित था इसके बावजूद आरोपी अशोक अग्रवाल के द्वारा गजानंदपुरम कालोनी में विभिन्न साईज का लेआउट निकालकर अकेले ही 44 लोगों को उक्त फर्म की भूमि को बेच दिया गया और अवैध रूप से एक करोड 16 लाख 52 हजार 4 सौ रूपये हडप लिये गये। आरोपी के द्वारा विलेख को जानते समझते समय 44 कूट रचित विक्रय पत्र फर्म के नाम से तैयार किया गया और अकेले ही जमीन विक्रय से मिली राशि ग्राहकों से ले ली गई। इस मामले में फर्म के एक अन्य साझेदार आनंद अग्रवाल की ओर से कोतवाली थाने में लिखित शिकायत देते हुए आरोपी अशोक अग्रवाल के खिलाफ धारा 406, 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की गई थी। पुलिस ने इस मामले में सभी पहलुओं की जांच उपरांत आज आरोपी अशोक अग्रवाल के खिलाफ जमीन की गलत तरीके से खरीद बिक्री करने तथा साझेदारी विलेख का उल्लंघन करते हुए साझेदार को धोखा देने के मामले में धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। समाचा लिखे जाने तक इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नही हो सकी थी।