ममता ने लिखा -मोदी बाबू थोथा चना बाजे घना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

मायावती  बोलीं -मोदी मुद्दे से भटक गए 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को बजट पूर्व भाषण करार देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीएसपी सुप्रीमो मायावती  ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री काले धन एवं नोटबंदी के वास्तविक एजैंडा से भटक गए। 

ममता ने विभिन्न ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री कालेधन एवं नोटबंदी के वास्तविक एजैंडा से भटक गए और उन्होंने वित्त मंत्री का पद ले लिया और बजट पूर्व भाषण दिया है। उन्होंने कहा कि लिहाजा मोदी द्वारा दिए गए इस अग्रिम बजट भाषण से वित्त मंत्री गायब थे। उन्होंने ट्वीट में लिखा ‘मोदी बाबू थोथा चना बाजे घना’।

उन्होंने दावा किया कि यह हृदयहीन एवं आधारहीन भाषण था। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि वह उन 112 नागरिकों के प्रति भी सम्मान प्रकट करना भूल गए जिनकी मौत नकदी पाने के लिए कतार में खड़े होने के समय हुई। उन्होंने ट्वीट किया कि राष्ट्र के नाम संबोधन कहा जा रहा है और राजनीतिक बदले की भावना से काम किया जा रहा है।

राष्ट्र के संबोधन के नाम पर वह अपना क्षुद्र राजनीतिक एजैंडा पूरा कर रहे हैं। ममता ने कहा कि राष्ट्र संबोधन बजट संबोधन बन गया है। काले धन की सफाई के नाम से वित्तीय आपातकाल जारी है। बैंकों में धन उपलब्ध नहीं है। अभी तक समस्याओं का ठोस हल नहीं निकला है। मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि वह वादा पूरा करने के लिए 50 दिन चाहते थे किन्तु बुरी तरह विफल हो गए।

मायावती का PM पर करारा हमला

लखनऊ में  बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्बोधन को देश के लिए अत्यंत मायूस और निराशाजनक करार देते हुए कहा कि यह देश को हताश करने वाला तथा ‘ऊंची दुकान, फीके पकवान’ जैसा था, जिससे 90 प्रतिशत आबादी को राहत नहीं मिलेगी।

मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण से पिछले 50 दिन से नोटबंदी की जबर्दस्त पीड़ा झेल रही 90 प्रतिशत आबादी कोई राहत नहीं मिली है। इससे अनिश्चितता का माहौल अभी काफी दिनों तक रहने वाला है, जो देशहित में सुखद स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी का सम्बोधन हमेशा की तरह ‘उपदेशात्मक’ कायादा था और उस लम्बे भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे नए वर्ष में उम्मीद की नई किरण जगे और देश अविश्वसनीयता एवं अनिश्चितता के माहौल से उबर सके।