बजट में किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्‍य
फसल बीमा योजना

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरूण जेटली ने बुधवार को संसद में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार को मानसून की स्थिति बेहतर रहने से चालू वर्ष 2016-17 के दौरान कृषि क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत होने की उम्‍मीद है।

बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा कि किसानों को समय पर पर्याप्‍त ऋण उपलब्‍ध कराया जाएगा। 2017-18 में कृषि ऋण का लक्ष्‍य 10 लाख करोड़ रूपये के रिकॉर्ड स्‍तर पर निर्धारित किया गया है।

अल्‍पसेवित क्षेत्रों, पूर्वी राज्‍यों तथा जम्‍मू कश्‍मीर के किसानों के लिए पर्याप्‍त ऋण की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के विशेष प्रयास किये जाएंगे।

फसल बीमा योजना का विस्‍तार जो 2016-17 में फसल क्षेत्र का 30 प्रतिशत है, उसे 2017-18 में बढ़ाकर 40 प्रतिशत और 2018-19 में बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा। इसके लिए पिछले साल के 5500 करोड़ से बढ़ाकर 13,240 करोड़ कर दिया गया है।

राष्‍ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) दायरे का मौजूदा 250 बाजारों से 585 एपीएमसी तक विस्‍तार किया जाएगा।

वित्‍त मंत्री ने तीन वर्षों में 8000 करोड़ रूपये की संचित निधि से नाबार्ड में एक दुग्‍ध प्रसंस्‍करण एवं संरचना निधि स्‍थापित करने की घोषणा की।

सरकार ने देश के सभी 648 कृषि विज्ञान केन्‍द्रों का 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने तथा कृषि विज्ञान केन्‍द्रों में नई लघु प्रयोगशालाएं स्‍थापित करने का निर्णय लिया है। मिट्टी की जांच के लिए 100 मिनी लैब बनाई जाएंगी। 5 हजार करोड़ का सिंचाई फंड।

वित्‍त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के चलते किसानों को फसल बीमा का फायदा तो मिलेगा ही साथ ही सॉइल टेस्टिंग में भी आसानी होगी। किसानों को सहकारी ऋण ढांचे से लिए गए ऋण के संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 60 दिनों के ब्‍याज के भुगतान से छूट का भी लाभ मिलेगा।