मंत्री चंद्राकर आरोप लगाने वालों का करवाएंगे पॉलीग्राफी टेस्ट
स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर

 

आय से अधिक संपत्ति के आरोपों से भड़के पंचायत और स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने रायपुर कहा है कि वे आरोप लगाने वाली मंजीत बल और उनके साथी कृष्णकुमार साहू का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की मांग करेंगे। 

रिटर्न की जांच जितनी बार चाहो, करा लो। उसमें अगर दोषी निकला तो चाहे जो सजा दो। फर्जी आरोपों से कुछ हासिल नहीं होगा। चंद्राकर ने कहा जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, इस तरह के आरोपों की बाढ़ आएगी। कृष्ण कुमार साहू खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं, जबकि हकीकत यह है कि वे कांग्रेस कार्यकर्ता हैं और स्थानीय चुनावों में कई बार भाजपा के हाथों पराजित हो चुके हैं।

चंद्राकर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली ग्रामीण विकास संस्थान की पूर्व प्रशिक्षक मंजीत बल और कुरुद के एक एक्टिविस्ट कृष्ण कुमार साहू ने 3 फरवरी को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें मंत्री पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया है। मंत्री ने कहा-साहू ने 2014 में यही आरोप लगाया था। वह मामले को लेकर हाईकोर्ट गया। कोर्ट के आदेश पर एसीबी ने मामले की जांच की और मुझे क्लीन चिट दी गई।

तब उसने कोर्ट में लिखकर दिया था कि अब इस मामले का तूल नहीं देना चाहता। जो मामला चार साल पहले खत्म हो चुका है, उसे अब दोबारा उछाला जा रहा है। साहू कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं। मंडी और जनपद चुनाव में कांग्रेस की ओर से लड़ चुका है। ये लोग भयादोहन और अवैध वसूली के लिए आरटीआई का दुरुपयोग करते हैं। आज ही सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया है, जिसमें कोर्ट ने एक याचिका इसलिए खारिज कर दी कि आरटीआई का उपयोग जनहित में नहीं किया जा रहा था।

कोर्ट ने कहा है कि यह आरटीआई कानून की मूल भावना के खिलाफ है। देखना होगा कि इन लोगों के पीछे कौन है। कौन पैसा दे रहा है। साहू के खिलाफ आरटीआई लगाकर ब्लैकमेल करने का मामला थाने तक गया है। इनका पॉली टेस्ट होगा तो सच सामने आ जाएगा।

मंत्री चंद्राकर ने कहा कि लालू और नीतीश (मंजीत बल और कृष्णकुमार साहू) को मिलाया किसने। कोई तो जरूर है, जो इसके पीछे है। मंजीत बल से कोई दुश्मनी नहीं है। मैंने उसकी संविदा नियुक्ति का रिन्युअल नहीं किया। यह एक सामान्य प्रशासनिक निर्णय था। वह जानबूझकर मेरी गाड़ी के सामने आईं। उनके पिता डीएस बल मेरे दोस्त हैं, इसलिए माफ करता हूं। ईश्वर उन्हें सद्बुद्घि दें।

चंद्राकर ने कहा कि जब अमित शाह यहां लाइब्रेरी का उद्घाटन करने आए थे, तब भी किसी ने फर्जी खबर चलवा दी। हम लाइब्रेरी से नीचे आए भी नहीं थे, इसे पहले ही खबर उड़ गई कि शाह ने मुझे डांटा है। मेरी रोज जांच कराएं, पर इसके पीछे उद्देश्य क्या है। कौन आरटीआई लगवा रहा है। मैं जांच की मांग करूंगा। इनका पॉली टेस्ट हो सब सामने आ जाएगा।