शराब करवा रही है बस्तर में क्राइम
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बस्तर में अंधाधुंध शराब की खपत क्राइम का ग्राफ बढ़ने की अहम वजह मानी जा रही है। बीते तीन माह में ही नृशंस हत्या व दुष्कर्म जैसी घटनाएं सामने आई हैं। प्रदेश सरकार के आंशिक शराबबंदी के बावजूद रायपुर दुर्ग संभाग से अधिक राजस्व राशि बस्तर से वसूली जा रही है। फलस्वरूप यहां के ऐसे ग्रामीण इलाकों जहां पेयजल सुलभ नहीं है, वहां शराब की महंगी ब्रांड आसानी से मुहैया है।

अंचल में देशी व अंग्रेजी शराब के बढ़ते चलन के चलते गंभीर अपराधों में तेजी आई है। वरिष्ठ थाना प्रभारियो के अनुसार कोड़ेनार, दरभा, लोहंडीगुड़ा व बास्तानार इलाके में शराब के नशे में हत्या व अन्य अपराधों में तेजी देखी जा रही है। मनोरोग विशेषज्ञ वी श्रीधर ने बताया कि शराब के सेवन से अल्कोहल रक्त में मिलकर मस्तिष्क तक पहुंचता है। इससे दीमागी कोशिकाओं में विपरीत प्रभाव पड़त है। इसलिए अधिक नशापान करने वाला व्यक्ति विवेकशून्य हो जाता है।

तीन माह में हत्या व दुष्कर्म की आधा दर्जन घटनाएं अक्टूबर2016 में दुर्गा विसर्जन के दौरान मामूली विवाद के चलते अभिषेक नामक युवक की सरेआम चाकू मारकर हत्या कर दी। आरोपी नशे में धुत्त थे। इसी प्रकार नवम्बर माह में धरमपुरा निवासी महाविद्यालयीन छात्र की उसी के दोस्तों ने शराब सेवन के दौरान हुए मामूली विवाद में गला घोंटकर हत्या कर दी।

साक्ष्य छुपाने शव दलपत सागर में फेंक दिया था। दिसम्बर 2016 मे पनारापारा निवासी ट्रक चालक ने अपनी नवब्याहता बीवी की शराब के नशे में गलाघोंटकर हत्या कर दी। हत्या की वजह चरित्र पर संदेह करना बताया गया। जनवरी 2017 में बस्तर जनपद के ग्राम भरनी में शराब के आदी राजमिस्त्री ने अपनी पत्नी समेत मासूम बच्ची की नृशंस हत्या कर दी। जनवरी में ही परपा थाना क्षेत्र के एर्राकोट तथा बोधघाट थाना क्षेत्र के करकापाल में युवतियों को अगवा कर सामूहिक अनाचार का मामला सामने आया।

दोनों मामलों में आरोपी नशे में चूर थे। माह पुरवरी में आरक्षक दिलीप सेठिया ने अपनी प्रेमिका सहकर्मी की शराब के नशे में गोली मारकर हत्या कर दी। इस प्रकार उपरोक्त सभी मामलों में आरोपियों ने नशे की हालत में घटना को अंजाम दिया।