नर्मदा नदी के दोनों तटों के ग्रामों को खुले में शौच मुक्त किया जाएगा
नमामि देवि नर्मदे

मुख्यमंत्री चौहान नसरूल्लागंज के ग्राम मंडी में  

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा नदी के दोनों तटों के ग्रामों को खुले में शौचमुक्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी एक पवित्र नदी है, जो प्रदेश को पेयजल सिंचाई और बिजली देती है। श्री चौहान ने यह बात आज सीहोर के नसरूल्लागंज के ग्राम मंडी में कही। श्री चौहान \'नमामि देवि नर्मदे\'-सेवा यात्रा के जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पंडित कमल किशोर नागर सहित अन्य प्रबुद्धजन और धर्मगुरू मौजूद थे। श्रीमती अनुराधा पौडवाल ने कार्यक्रम में भक्तिमय भजनों की प्रस्तुति दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा से समाज को जागृत कर नर्मदा के दोनों किनारों पर पौधरोपण के साथ ही प्रदूषण से बचाने के लिए लोगों को पूजन सामग्री डालने से रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पानी के बिना दुनिया नहीं चल सकती। नर्मदा नदी का पूरे प्रदेश पर उपकार है। नर्मदा की कृपा से हमारा प्रदेश देश में कृषि उत्पादन दर में सबसे ऊपर है। यह कर्ज उतारने के लिये नर्मदा सेवा यात्रा शुरू की गई है।

श्री चौहान ने कहा कि घर-घर नर्मदा का जल पहुँच रहा है। इससे कई जगह जल संकट समाप्त होगा। श्री चौहान ने कहा कि हमने नर्मदा के दोनों किनारों के पेड़ काट दिए जिससे नर्मदा की धारा कमजोर पड़ने लगी। इसका प्रायश्चित कर नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर एक हजार किलोमीटर की सीमा में पेड़ लगाकर करेंगे। इसके लिए सभी सामाजिक संगठनों के लोगों से रजिस्ट्रेशन कराएंगे और उनसे नर्मदा नदी के किनारे पेड़ लगवाएंगे।

श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं गृह ग्राम जैत में खेतों में फलदार पेड लगायेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने लोगों को नशा मुक्ति का संकल्प दिलवाया और कहा कि एक अप्रैल से नर्मदा किनारे की सभी शराब की दुकान बंद होंगी। गाँव-गाँव में नशा मुक्ति अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा जनता का आंदोलन बन गई है। समाज का हर तबका और साधु संत इसमें अपनी सहभागिता भी निभा रहे हैं।

पंडित कमल किशोर नागर एवं अन्य प्रबुद्धजनों एवं धर्मगुरूओं ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में छात्राओं ने आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति भी दी। कार्यक्रम में श्रीमती साधना सिंह और लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनसमूह उपस्थित था।

विश्व का सबसे बड़ा और मध्यप्रदेश का अनूठा नदी संरक्षण अभियान नमामि देवि नर्मदे के जय घोषों के साथ जब नर्मदा सेवा यात्रा ने नसरूल्लागंज के ग्राम छीपानेर से प्रातः प्रस्थान कर ग्राम चौरसाखेडी, सातदेव, टिगाली, सीलकंठ होती हुई। ग्राम मंडी पहुंची तो नर्मदा यात्रा के स्वागत के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। यात्रा में धर्म गुरूओं के अलावा समीपस्थ ग्रामों से अनेक उपयात्राएं भी शामिल हुई जिसमें भारी मात्रा में श्रद्धालुओं ने सहभागिता निभाई। यात्रा का दृश्य अत्यन्त मनोरम था लोग नाचते गाते चल रहे थे। श्रद्धालुओं ने सारे नर्मदा तट को भक्तिमय बना दिया।