पूर्ण शराबबंदी तक चैन से मत बैठना :नीतीश कुमार
 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

 

छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के लिए जारी जन आंदोलन का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी खुला समर्थन किया है। उन्होंने रविवार को राजधानी रायपुर आकर हजारों लोगों को शराब न पीने की शपथ दिलाई। खुले मंच से आह्वान किया कि तब तक चुप मत बैठना जब तक पूर्ण शराबबंदी न हो जाए। इससे बिहार में बड़ी सामाजिक क्रांति आई है। बदलाव हर जगह महसूस किया जा सकता है। हमें शराबबंद करने से पहले जनजागरण मुहिम चलानी पड़ी। यहां तो पहले से ही माहौल है।

बंद की घोषणा करनी है बस। मैं आपके मुख्यमंत्री से मिलने जा रहा हूं। कहूंगा- वे यहां भी तुरंत शराब बंद कर दें। नीतीश कुमार धरसींवा के परसतरई में छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के 71वें वार्षिक सम्मेलन के बहाने शराबबंदी आंदोलन को समर्थन देने औऱ जदयू के लिए जमीन तलाशने पहुंचे थे।

उन्होंने कहा शराब बंद होने से राजस्व का नुकसान होने की बात गलत है। 5 हजार करोड़ शराब से आता था। अब लोगों की जेब में 15 हजार करोड़ बच रहा है। खजाने का पैसा भी जनता का है। अब उनकी जेब में ही खजाना बन गया है। क्रय शक्ति बढ़ी है। शराबबंदी के बाद कपड़ों की बिक्री 49 प्रतिशत बढ़ी है। सिलाई मशीन की बिक्री में 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ। लोग फटा-पुराना पहनते थे और शराब में पैसा उड़ा देते थे। गांव का वातावरण बदल गया। दूध की खपत बढ़ी, पेड़ा, रसगुल्ला बिकने लगा।

यही तो सामाजिक परिवर्तन है। नीतीश ने कहा- मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह का फोन आया था। अभी उनके साथ बैठूंगा। जो यहां कह रहा हूं, वही उनसे कहूंगा। कहूंगा- जल्दी शराबबंदी लागू करिए। शराबबंदी सिर्फ कानून से लागू नहीं हो सकती। इसके लिए जनचेतना जरूरी है। हमने दो महीने का अभियान चलाया। शराब बंद करने से अपराध में कमी आई, सड़क दुर्घटनाएं कम हो गईं। हर जगह सुख शांति का वातावरण है। घर परिवार में महिलाओं की इज्जत होने लगी। बच्चों का भविष्य सुरक्षित हुआ। आप भी शराब बंद कराइए। जब तक बंद न हो चैन से न बैठना। छत्तीसगढ़ को कुदरत ने भरपूर संपदा दी है। यहां के लोग शांत हैं। अगर यहां शराबबंदी हो जाए तो यह प्रदेश देश का आदर्श राज्य बन जाएगा।

नीतीश ने कहा शराब बंदी का निर्णय लिया तो पीने वालों ने कई तरह के कुतर्क किए। बहुत विरोध हुआ, मुकदमेबाजी हुई। लोग कहते पर्यटक घट जाएंगे। हमने पूरी मजबूती से लागू किया। समझौता नहीं किया। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पर्यटक बढ़ गए। देसी- विदेशी दोनों। जो आलोचना करते थे, वही अब तारीफ कर रहे हैं। महिला सम्मेलन में एक महिला मंच से बोली-पहले वे शाम को आते तो झगड़ा करते। देखने में भी क्रूर लगते थे। अब हंसते-मुस्कराते हैं। देखने में भी अच्छे लगते हैं।

हमने स्कूली बच्चों से कहा अपने पिता से शपथ-पत्र भरवाएं। 1 करोड़ 19 लाख शपथ-पत्र मिले। 9 लाख वाल पेंटिंग की। 25 हजार नुक्कड़ नाटक करवाए। माहौल बन गया। पहले सोचा था गांव में बंद करेंगे। 1 अप्रैल 2016 से बंद किया। उसी दिन से शहरों में दुकानों का विरोध होने लगा। जनता जाग चुकी थी। 5 अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी कर दी। कई दूसरे राज्यों में शराबबंदी हुई फिर वापस हो गई। इसी से मन में दुविधा थी। एक सम्मेलन में महिलाओं ने कहा-बंद करो। बस वहीं दुविधा खत्म हो गई। मंच से घोषणा की- अब सरकार आई तो शराब बंद।

नीतीश ने कहा- राजनीति करने नहीं आया हूं, लेकिन गुजरात जैसी शराबबंदी का क्या फायदा। अगर मेडिकल सर्टिफिकेट पर शराब बिकेगी तो उसके लिए भी दुकान खोलनी ही पड़ेगी। दुकान होगी तो पिछले दरवाजे से भी शराब बिकेगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के हाल के छत्तीसगढ़ दौरे पर बिना उनका नाम लिए कहा-हमारे यहां के एक सज्जन हैं, जिन्हें लालू ने बनाया। अभी वे यहां आए तो उल्टा-सीधा बोलकर गए। ऐसे लोगों के दुष्प्रचार में न पड़ना। मैं तो सरकार से कह रहा हूं कि अपना प्रतिनिधिमंडल हमारे यहां भेजें। अपनी मर्जी से किसी भी गांव जाएं और देखें शराबबंदी का क्या असर है।