रिश्वत देने पर प्रत्याशी को पांच साल का प्रतिबंध
chunav aayog

 

तमिलनाडु में वोटरों को लुभाने के लिए \'रिश्वत\' देने के नायाब तरीके को देखते हुए चुनाव आयोग इस बुराई से सख्ती से निपटने की तैयारी कर रहा है।वह चाहता है कि वोटरों को रिश्वत देने के मामले में आरोपपत्र में नामित प्रत्याशियों को पांच साल के लिए अयोग्य ठहराया जाए।

इसके लिए आयोग जल्द ही सरकार को एक पत्र लिखने वाला है। मालूम हो कि चेन्नई के आरके नगर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए टोकन, प्रीपेड फोन रिचार्ज कूपंस, अखबार ग्राहकी, दूध टोकन, मोबाइल वॉलेट पेमेंट आदि के जरिए रिश्वत देने की बात सामने आई थी।

12 अप्रैल को होने वाला यह उपचुनाव रद्द कर दिया गया था। आरके नगर सीट जयललिता के निधन के कारण खाली हुई थी।

सूत्रों ने बताया है कि चुनाव आयोग ने विधि मंत्रालय को जनप्रतिनिधित्व कानून में ऐसा बदलाव करने के लिए पत्र लिखने फैसला किया है जिससे कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसी भी प्रत्याशी (जिसे अदालत ने चार्जशीट किया हो) को पांच वर्षों के लिए अयोग्य ठहराना सुनिश्चित किया जा सके।

इससे पहले चुनाव आयोग ने सरकार से चुनाव कानून के तहत वह शक्तियां देने के लिए कहा था जिससे कि धनबल के इस्तेमाल के मामले में वह संबंधित क्षेत्र में चुनाव रद्द कर सके।

इस समय आयोग बाहुबल के इस्तेमाल की स्थिति में चुनाव रद्द कर सकता है। अभी तक आयोग धनबल के इस्तेमाल की स्थिति में संविधान के अनुच्छेद 324 में प्रदत्त अधिकार का इस्तेमाल कर चुनाव रद्द कर सकता है।