उपवास पर बैठे शिवराज , मैदान में किसानों से की चर्चा
उपवास पर बैठे शिवराज

 

किसान आंदोलन की समाप्ति के आखिरी दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार सुबह भोपाल के भेल दशहरा मैदान में उपवास पर बैठ गए। मध्यप्रदेश में शांति के लिए उन्होंने अपना उपवास शुरू किया है और किसान आंदोलन खत्म होने के बाद ही वे उपवास खोलेंगे। उपवास शुरू करने के दौरान उनके साथ पत्नी साधना सिंह, भाजपा नेता प्रभात झा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और पूरा मंत्रिमंडल भी मौजूद हैं। सीएम ने उनसे मिलने पहुंचे किसानों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं जानी। भारतीय किसान मजदूर संघ के कार्यकार्ता सीएम से मिलने पहुंचे, इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की।

इस दौरान जरूरी प्रशासनिक कामकाज भी होते रहेंगे। उपवास के दौरान सीएम केवल नींबू पानी पीएंगे। रात्रि विश्राम भी वे दशहरा मैदान पर ही करेंगे। इसके लिए मंच के पीछे एक कमरा बनाया गया है।

उपवास पर बैठने से पहले उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बात की और कहा कि मैं उपवास पर बैठ रहा हूं। भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी ने तिलक लगाकर उन्हें मंच पर बैठाया। सीएम ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए प्रयास किए गए। मामूली ब्याज दर पर किसानों को कर्ज दिया गया। उन्होंने कहा हमारा प्रदेश आगे नहीं बढ़ सकता और यही हमारी पहली प्राथमिकता है। हम हमेशा किसानों के साथ है। इसके लिए सरकार ने उनके लिए कई योजनाएं भी चलाई हैं।

सीएम ने उपवास से पहले ट्वीट कर कहा कि - \'मेरे किसान भाइयों, बापू के देश में हिंसा की आवश्‍यकता नहीं है। हम-आप शांतिपूर्ण ढंग से हर समस्‍या का समाधान ढूंढ़ लेंगे..\'। मेरा यह उपवास किसानों की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने का प्रतीक है। यह उपवास हिंसा के विरुद्ध है, हिंसा से कोई सृजन नहीं होता है।

नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि मैं किसान के नाते नर्मदा मैया की कसम खाकर कहता हूं कि आपने जो किसानों के लिए किया है वो कभी नहीं भूल सकते हैं। एमपी का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तो शिवराज ने किसानों के लिए जो किया वो लिखना होगा। पूर्व सरकार में किसान बिजली पानी के लिए तरसता था, लेकिन अब नहीं। जल और ऊर्जा क्रांति एमपी में हुई है।

यहां पांच सौ नहीं पांच-पांच किसानों से बात होगी, हर संगठन पांच लोग तय करें, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग को समन्वय की जिम्मेदारी सौपी गई है। पूर्व सीएम बाबूलाल गौर भी मंच पर पहुंचे और कहा कि कुछ लोगों ने आंदोलन को हिंसा में झोंक दिया है।

मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को चर्चा के लिये खुला आमंत्रण दिया है।  उन्होंने किसानों से आंदोलन स्थगित करने की भावुक अपील करते हुए कहा कि शांति बहाली के लिये वे उपवास करेंगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंदोलन कर रहे किसानों से कहा कि उन्होंने शांति बहाली के लिये उपवास किया है।  

मुख्यमंत्री दस जून की प्रात: 11 बजे से भोपाल स्थित भेल दशहरा मैदान में किसानों से चर्चा के लिए उपलब्ध रहे ।उन्होंने शांति बहाल करने के लिए अपील करते हुए कहा कि वे उपवास पर भी रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। जनता की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। जो परिस्थितियाँ निर्मित हुई हैं वह ठीक नहीं है। बच्चों के हाथ में जिन्होंने पत्थर थमा दिए हैं उन्होंने ठीक नहीं किया है। अराजक तत्वों के साथ सख्ती के साथ निपटा जायेगा।जनता की सुरक्षा के लिये सरकार राजधर्म का पालन करेगी।

श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने सिंचाई, बिजली की व्यवस्था, पहले जीरो प्रतिशत और बाद में दस प्रतिशत ऋणात्मक कर्ज पर किसानों को कर्ज देने आदि के कार्य किये हैं। सरकार की नीतियों से बम्पर उत्पादन हो रहा है।

बम्पर उत्पादन के कारण फसलों की कीमतों में कमी आई है।पिछले दिनों जो परिस्थितयाँ निर्मित हुई हैं उनसे होने वाली किसानों की तकलीफ को सरकार ने समझा है।

शिवराज ने कहा सरकार ने गेहूँ, धान को समर्थन मूल्य पर खरीदा है। प्याज 8 रूपये प्रति किलो के मूल्य पर खरीदा जा रहा है। तुअर 5050 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदी जायेगी। ग्रीष्म मूंग को 10 जून से 5225 रूपये प्रति क्विंटल के दर पर खरीदा जायेगा। उड़द भी 10 जून से समर्थन मूल्य पर खरीदी जायेगी। भुगतान चेक से नहीं आरटीजीएस से किया जा रहा है। रबी और खरीफ फसलों के लिये अलग-अलग कर्ज देने की व्यवस्था को बदलने का फैसला कर दिया है। किसान एक साथ दोनों फसलों के लिये कर्ज ले सकते हैं। भविष्य में ऐसी स्थितियाँ निर्मित नहीं हों इसके लिये 1000 करोड़ का स्थिरीकरण कोष का गठन किया जायेगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसानों को उनकी फसल का ठीक दाम मिले।फसलों की उत्पादन लागत का निर्धारण अखिल भारतीय स्तर पर किया जाता है। इसे राज्य आधारित करने के लिये प्रदेश में कृषि लागत एवं विपणन आयोग का गठन किया जायेगा। इससे किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जा सकेगा। खाद,बीज के लिये 100 रूपये के कर्ज की वापिसी 90 रूपये करने की व्यवस्था है। इस नेट में जो किसान छूट गये हैं उन्हें नेट में लाने के लिये सरकार \'समाधान योजना\'\'लागू करेगी।पिछले साढ़े 11 साल में मुख्यमंत्री के नाते प्रदेश की जनता का विकास और किसानों का कल्याण फोकस में रहा है।किसानों के कल्याण के लिये अभूतपूर्व कदम उठाये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों की हर समस्या के समय सरकार उनके साथ रही है।जब भी किसानों पर संकट आया, मुख्यमंत्री किसानों के बीच पहुँचे और उनके कल्याण के लिये कार्य किये।मध्यप्रदेश में किसान-कल्याण के लिये, जो कहीं भी-कभी भी नहीं हुआ है, वह हुआ है।सोयाबीन की फसल जब खराब हुई थी तब 4 हजार 400 करोड़ रूपये की राहत और 4 हजार 800 करोड़ रूपये की बीमा राशि का भुगतान किसानों को किया गया था।