6 जुलाई को कोर्ट में पेश होंगे सलमान खान
salman khan

फिल्म अभिनेता सलमान खान सहित अन्य फिल्मी सितारों से जुड़े बहुचर्चित कांकणी हिरण शिकार मामले में जोधपुर जिला ग्रामीण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सुनवाई हुई।

कोर्ट ने लोक अभियोजक भवानी सिंह की ओर से दायर उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि हिरण का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. नेपालिया ने गलत रिपोर्ट तैयार की। अर्जी में डॉ. नेपालिया के खिलाफ लूणी पुलिस थाने में दर्ज एफआइआर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करने की भी मांग की गई थी।

अदालत ने लोक अभियोजक की अर्जी खारिज करते हुए मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख छह जुलाई तय की। इस दिन होने वाली अंतिम सुनवाई में सलमान खान को मौजूद रहना होगा।

इस मामले में सभी आरोपियों के बयान हो चुके हैं। इस मामले में 30 मई को हुई अंतिम बहस से पूर्व लोक अभियोजक ने यह अर्जी लगाई थी कि हिरण का शिकार करने वाले डॉ. नेपालिया ने गलत रिपोर्ट तैयार की। लोक अभियोजक की अर्जी खारिज होने से सलमान व अन्य सितारों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि यदि अर्जी मंजूर हो जाती तो कोर्ट की प्रक्रिया फिर लंबी चलती।

उल्लेखनीय है कि एक और दो अक्टूबर,1998 की मध्य रात्रि जोधपुर में \'फिल्म हम साथ-साथ हों\' की शूटिंग के दौरान पूरी यूनिट एक होटल में रुकी हुई थी।

इसी रात्रि में फिल्म अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, अभिनेत्री तब्बू, सोनाली बेंद्र और नीलम के साथ ही जोधपुर के दुष्यंत सिंह होटल से एक जिप्सी में निकले और कांकणी गांव में गए।आरोप है कि सलमान ने यहां एक बंदूक से दो हिरणों का शिकार किया। बंदूक से फायर की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो सभी फिल्म सितारे वहां से रवाना हो गए थे।

इसके बाद से यह मामला जोधपुर कोर्ट में चल रहा है। इससे जुड़ा एक अन्य मामला भी सलमान के खिलाफ कोर्ट में लंबित है, जिसमें आरोप है कि सलमान द्वारा शिकार करते समय जिस बंदूक का उपयोग किया गया उसके लाइसेंस की अवधि पूरी हो चुकी थी।

अतः सलमान ने बिना लाइसेंस की बंदूक से शिकार किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल इसलिए हिरणों का शिकार करने वाले डॉ. नेपालिया ने अपनी पहली रिपोर्ट में यह बताया कि हिरणों के शरीर पर घाव गोली के नहीं,बल्कि कुत्तों के काटने के हैं, लेकिन अब विश्नोई समाज और अन्य संगठनों के दबाव पर दूसरी बार फिर अन्य डॉक्टर से पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें गोली के निशान होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पहली बार पोस्टमार्टम करने वाले डॉ.नेपालिया के खिलाफ लूणी पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई।