सतपुडा की रानी : पचमढ़ी
सतपुडा की रानी : पचमढ़ी
सतपुडा की रानी : पचमढ़ी म.प्र. के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी १०६७ मीटर ऊँचाई पर स्तिथ | यहाँ का तापमान सर्दियों में ४.५ डिग्री से. तथा गर्मियों में अधिकतम ३५ डिग्री से. होता हैं | यह मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन हैं | यहाँ की विशेषता हैं कि आप यहाँ वर्ष भर किसी भी मौसम में जा सकता हैं | सतपुडा श्रेणियों के बीच स्थित होने के कारण और अपने सुन्दर स्थलों के कारण इसे सतपुडा कि रानी भी कहा जाता हैं | यहाँ घने जंगल, मदमाते जलप्रपात और पवित्र निर्मल तालाब हैं | यहाँ की गुफाएँ पुरातात्त्विक महत्त्व की हैं क्योंकि यहाँ गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं | यहाँ की प्राक्रतिक संपदा को पचमढ़ी राष्ट्रिय उधान के रूप में संजोया गया हैं | यहाँ गौर, तेंदुआ, भालू, भैंसा तथा अन्य जंगली जानवर सहज ही देखने को मिल जाते हैं | इस क्षेत्र में घूमने के लिए आप पचमढ़ी से जीप या स्कूटर ले जा सकते हैं | जटाशंकर एक पवित्र गुफा हैं जो पंचमढ़ी कसबे से १.५ किमी दुरी पर हैं | यहाँ तक पहुचने के लिए आपको कुछ दूर तक पैदल चलने का आनंद उठाना पड़ेगा | मंदिर में शिवलिंग प्राक्रतिक रूप से बना हुआ हैं |यहाँ एक ही चट्टान पर बनी हनुमानजी की मूर्ति भी एक मंदिर में स्थित हैं | पास ही में हार्पर की गुफा भी हैं | पांडव गुफा महाभारत काल की मानी जाने वाली पॉँच गुफाएँ यहाँ हैं जिनमें द्रौपदी कोठरी और भीम कोठरी प्रमुख हैं | पुरातत्वविद मानते हैं कि ये गुफाएँ गुप्तकाल कि हैं जिन्हें बौद्ध भिक्षुओं ने बनवाया था | अप्सरा विहार से आधा किमी. कि दूरी पर स्थित हैं | ३५० फुट कि ऊँचाई से गिरता इसका जल एकदम दूधिया चाँदी कि तरह दिखाई पड़ता हैं | राजेन्द्र गिरी इस पहाडी का नाम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर रखा गया हैं | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद यहाँ आकर रुके थे | उनके लिए यहाँ रविशंकर भवन बनवाया गया था | इस भवन के चारों ओर प्रक्रति की असीम सुन्दरता बिखरी पड़ी हैं | हांडी खोह यह खाई है जो ३०० फिट गहरी है | यह घने जंगलों से ढँकी हैं और यहाँ कल-कल बहते पानी की आवाज़ सुनना बहुत ही सुकूनदायक लगता है | वनों के घनेपण के कारण जल दिखाई नहीं देता | पौराणिक सन्दर्भ कहते हैं कि भगवन शिव ने यहाँ एक बड़े राक्षस रूपी सर्प को चट्टान के निचे दबाकर रखा था | स्थानीय लोग इसे अंधी खोह भी कहते हैं जो अपने नाम को समर्थक करती हैं | यहाँ बने रेलिंग प्लेटफार्म पर से आप घटी का नज़ारा ले सकते हैं | प्रियेदार्शिनी प्वाइंट इस बिंदु पर से सूर्यास्त का द्रश्य बहुत ही लुभावना लगता हैं | तीन पहाडी शिखर बायीं तरफ चौरादेव, बीच में महादेव तथा दायीं और दायीं और धूपगढ़ दिखाई देते हैं | धूपगढ़ यहाँ कि सबसे ऊँची चोटी हैं | यह जमुना प्रताप के नाम से भी जाना जाता हैं | यह नगर से ३ किमी. कि दूरी पर स्थित हैं | मित्रों व् रिश्तेदारों के साथ पिकनिक मनाने के लिए यह एक आदर्श जगह हैं | अन्य आकर्षण यहाँ महादेव, चौरागढ़ का मंदिर, रिछागढ़, सुन्दर कुंड, इरन ताल, धूपगढ़, सतपुडा राष्ट्रिय उधान हैं | सतपुडा राष्ट्रिय उधान १९८१ में बनाया गया जिसका क्षेत्रफल ५२४ वर्ग किमी. हैं | यह प्राक्रतिक सौन्दर्य से भरपूर हैं यहाँ दिन या रात में रुकने के लिए आपको उधान के निदेशक से अनुमति लेना पड़ती हैं | इसके अलावा यहाँ कैथोलिक चर्च और क्राइस्ट चर्च भी हैं |