और स्मार्ट बनेगा आपका मोबाइल
 और स्मार्ट बनेगा आपका मोबाइल

 

आपका चेहरा देखकर काम करना शुरू कर देता है। सुबह-शाम आपको याद दिलाता है कि सेहत सही रखने के लिए कितने कदम पैदल चलने की जरूरत है। कभी दवा की याद दिलाता है तो कभी आपकी एक आवाज सुनकर आपके सवालों के जवाब खोजता है। ये सब किसी दोस्त की नहीं बल्कि आपके स्मार्टफोन की उन खूबियों की झलक है, जिसकी नींव इस गुजरते साल में रखी गई है। इन खूबियों की इमारत नए साल में तैयार होगी।

2017 में स्मार्टफोन सिर्फ कॉल करने या ई-मेल चेक करने से कहीं आगे के सहयोगी बनकर सामने आए। इस दौरान स्मार्टफोन में डुअल कैमरा और मैराथन बैटरी लाइफ पर कंपनियों का फोकस रहा। दुनियाभर की अग्रणी स्मार्टफोन कंपनियों ने अच्छे से अच्छा कैमरा देने और देर तक चलने वाली बैटरी पर ध्यान जमाया। चीन के ओप्पो और वीवो जैसे ब्रांड अपने सेल्फी कैमरे को लेकर ही लोगों की पसंद में शुमार हुए।

सैमसंग और ऐपल ने भी अपने मॉडल्स में एचडी और डुअल रियर कैमरा जैसे फीचर दिए। किसी समय छोटे फोन का क्रेज बदलकर पूरी तरह से बड़े डिस्प्ले वाले हल्के फोन की ओर हो गया। कंपनियां स्क्रीन-डिस्प्ले अनुपात भी सुधारने में लगी हैं। इसी के साथ उनकी कोशिश है कि फोन को इतनी खूबियों से लैस कर दिया जाए कि आपको किसी दोस्त की तरह इनकी जरूरत महसूस हो।

लेनोवो इंडिया मोबाइल बिजनेस ग्रुप के कंपनी हेड सुधीन माथुर का कहना है कि विशेषताएं और कीमत केवल एक पहलू है। अब कंपनियां उपभोक्ता के अनुभव पर ध्यान दे रही हैं। कंपनियों का फोकस इस बात पर है कि फोन को लोग अपने साथी जैसा अनुभव करें। सॉफ्टवेयर में तरह-तरह के अपडेट की मदद से फोन को ज्यादा से ज्यादा मददगार बनाने की कोशिश हो रही है।

2018 स्मार्टफोन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल का भी साल बनेगा। गूगल ने अपने एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर बोलकर सर्च करने की सुविधा दी है। तमाम स्मार्टफोन मैन्यूफैक्चर्स इस तकनीक को और उन्नत करने की दिशा में काम रहे हैं। आने वाले दिनों में आपका फोन आपको किसी साइंस फिक्शन फिल्म जैसा भी अनुभव दे सकता है। विभिन्न ऐप की मदद से आपके कदमों की गिनती और दवा का शेड्यूल याद रखने जैसे काम भी स्मार्टफोन बखूबी करता दिखाई देगा। इन खूबियों की शुरुआती झलक 2017 में दिख चुकी है।

नए साल में स्मार्टफोन में सबसे महत्वपूर्ण फीचर दिखेगा चेहरा पहचानने का। इस दिशा में फेस रिकॉग्निशन के नाम से शुरुआत दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग ने गैलेक्सी नोट-7 से की थी। इसमें पुतलियों की स्कैनिंग का तरीका अपनाया गया था। इसमें सबसे बड़ी समस्या थी कि फोन अनलॉक करने के लिए चेहरे को खास तरीके से कैमरे के सामने करना होता था।

अब अमेरिकी कंपनी ऐपल ने इससे आगे बढ़ते हुए फेस आईडी की तकनीक पेश कर दी है। यह तकनीक पूरे चेहरे की स्कैनिंग करती है। इसमें फोन यूजर के पूरे चेहरे का बारीकी से नक्शा तैयार करता है। इससे यह तकनीक ज्यादा सुरक्षित और आसान बन जाती है। ऐपल के आइफोन एक्स में यह फीचर दिया गया है। नए साल में कंपनियां इस दिशा में कदम बढ़ा सकती हैं।