नक्‍सलियों ने किए सीरियल ब्लास्ट
सीरियल ब्लास्ट

 

सोमवार को जगरगुंडा- अरनपुर सड़क किनारे नक्सलियों ने सीरियल ब्लास्ट कर फोर्स को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।

हालांकि इस विस्फोट की चपेट में आकर सीआरपीएफ के दो ही जवान घायल हुए लेकिन नक्सलियों ने बड़ी साजिश रची थी। इस विस्फोट ने पुलिस के खुफिया तंत्र के साथ सीआरपीएफ की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए। जहां विस्फोट हुआ है वह दो कैंपों के बीच है।

फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने नक्सलियों ने एक के बाद एक 11 बम प्लांट कर रखे थे। इसमें से सात ही विस्फोट हो पाए। जबकि चार बम को फोर्स ने बरामद कर मौके पर डिफ्यूज कर दिया।

सूत्रों की माने तो नक्सलियों ने रेकी करने के बाद बम प्लांट किया। इसके लिए उन्हें समय भी लगा होगा। लेकिन पुलिस की खुफिया तंत्र और प्रतिदिन सर्चिंग पर निकलने वाली फोर्स को इसकी भनक तक नहीं लगी। जानकारों का कहना है कि इस संवेदनशील क्षेत्र में फोर्स काफी सतर्क रहती है। खुफिया तंत्र भी गांव- गांव तक फैला हुआ है।

बावजूद सीरियल बम प्लांट की भनक नहीं लगना कई सवालों को जन्म दे रहा है। इधर विस्फोट के बाद जिला पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों की बैठक और मंथन शुरू हो गई। क्षेत्र में सर्चिंग बढ़ा दी गई है। आसपास के गांव और ग्रामीणों से जानकारी जुटाई जा रही है। मंगलवार को मार्ग से गुजरने वालों से पूछताछ और सामानों की चेकिंग भी हुई है। 

सुकमा के पालोड़ी वारदात को दोहरा देते नक्सली

जानकारों की माने तो कमलपोस्ट और कोंडासावली के बीच विस्फोट कर नक्सली सुकमा के पालोड़ी वारदात को दोहराने की तैयारी की थी। जिस तरीके से सीरियल बम प्लांट करने के साथ ऊपर पहाड़ी में मोर्चा संभाला था। वह इस बात को इंगित करता है कि नक्सली पूरी तैयारी में आए थे। लेकिन सतर्क जवानों ने उनकी मंसूबों पर पानी फेर दिया।

सोमवार को सड़क से करीब 15 से 20 मीटर अंदर जंगल के रास्ते से सीआरपीएफ 231 बटालियन के 20 जवानों की टोली पहले चल रही थी। यह टीम जैसे की आईईटी के करीब पहुंचे, पहाड़ी पर छिपे नक्सलियों ने ब्लास्ट शुरू कर दिया और साथ ही फायरिंग भी की। लेकिन फोर्स को नुकसान नहीं हुआ और बड़े नुकसान से बच गए।