Since: 23-09-2009
उत्तर प्रदेश में रविवार 15 जुलाई से 50 माइक्रोन तक की पतली पॉलीथिन प्रतिबंधित कर दी गई है। पहले चरण में नगरीय निकाय क्षेत्रों यानी शहरों में इसमें प्रतिबंध लगाया गया है। पॉलीथिन के निर्माण, बिक्री, भंडारण व आयात-निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। प्रतिबंधित पॉलीथिन बनाने व बेचने पर जुर्माना व सजा का प्रावधान है। सरकार ने इसमें एक लाख रुपये तक का जुर्माना और छह माह तक की जेल भेजने के नियम बनाए हैं। प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार छापामारी अभियान चलाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन, नगरीय निकाय, पुलिस व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीमें बनेंगी। छापा मारने वाली टीम मौके पर ही जुर्माना भी वसूल सकेंगी।
नगर विकास विभाग ने अधिनियम में जरूरी संशोधन के लिए अध्यादेश तैयार कर लिया है। इसे कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से मंजूरी भी मिल गई है। अब राज्यपाल के हस्ताक्षर रह गए हैं। इस कारण इसके आदेश शनिवार को जारी नहीं हो सका। राज्यपाल द्वारा अध्यादेश को मंजूरी देते ही रविवार को आदेश जारी हो जाने की पूरी उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पॉलीथिन, प्लास्टिक व थर्मोकोल में चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध की घोषणा की है। उनकी घोषणा के अनुसार ही 15 जुलाई रविवार से 50 माइक्रोन तक की पॉलीथिन प्रतिबंधित की जा रही है। दूसरा चरण 15 अगस्त से शुरू होगा, इसमें प्लास्टिक व थर्मोकोल के कप-प्लेट व ग्लास प्रतिबंधित किए जाएंगे। इसके बाद दो अक्टूबर से सभी प्रकार के डिस्पोजेबल पॉलीबैग पर भी प्रतिबंध रहेगा।
नगर विकास विभाग ने उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग एवं निस्तारण का विनियमन)-2000 में संशोधन किया है। संशोधन के लिए विभाग ने अध्यादेश तैयार कर लिया है। इसकी धारा सात में यह जोड़ा गया है कि प्रदेश सरकार अधिसूचना के जरिए नॉन बॉयोडिग्रेडेबिल प्लास्टिक या इस तरह के मैटीरियल को प्रतिबंधित कर सकती है। इस संशोधन के बाद अब सरकार कभी भी अधिसूचना जारी कर पॉलीथिन, प्लास्टिक या फिर इससे जुड़े अन्य उत्पादों को प्रतिबंधित कर सकती है। इसके लिए उसे बार-बार अधिनियम में संशोधन नहीं करना पड़ेगा। केवल अधिसूचना के जरिए ही प्रतिबंध लगाया या फिर हटाया जा सकेगा। प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पॉलीथिन व प्लास्टिक पर प्रतिबंध की सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। कानूनी कार्रवाई के लिए अधिनियम में भी जरूरी संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसमें कुछ औपचारिकता शेष रह गई है।
MadhyaBharat
15 July 2018
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|