यमुना का जलस्तर बढ़ा , निचले इलाकों में घुसा पानी
यमुना

 

दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हरियाणा के हथनी बैराज कुंड से छोड़े गए पानी के कारण जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर चला गया है। मंगलावार सुबह यह स्तर 206 मीटर पर था जिसके बाद राजधानी में बाढ़ का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। वहीं खबर है कि राजधानी और यमुना किनारे बसे कई निचले इलाकों और गावों में पानी भरने लगा है। स्थिति को देखते हुए पुराने यमुना पुल पर से आवागमन बंद कर दिया गया है।

मौजूदा हालात को देखते हुए कहा जा रहा है कि रेलवे ने एक बार परिचालन बंद करने के बाद पुराने पुल से परिचालन भले ही दोबारा शुरू कर दिया है पर यदि यमुना का जलस्तर और बढ़ा तो परिचालन जारी रखना आसान नहीं होगा। इसलिए दिल्ली सरकार के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के कंट्रोल रूप से रेलवे को पल- पल की जानकारी दी जा रही है। हालांकि हथनी कुंड बैराज से पिछले दो दिन के मुकाबले अब थोड़ा कम पानी छोड़ा जा रहा है।

बाढ़ नियंत्रण विभाग का कहना है कि बैराज से दो दिन काफी पानी छोड़ा गया था। 28 जुलाई की शाम सात बजे 6,05,949 क्यूसेक, 29 जुलाई सुबह 8 बजे 2,42,657 क्यूसेक व शाम को 1,10,248 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यह पानी दिल्ली पहुंचेगा तो जल स्तर अचानक 206.50 मीटर तक पहुंचने की आशंका है। हथनी कुंड बैराज से सोमवार को अधिकतम 52,279 क्यूसेक पानी सुबह पांच बजे छोड़ा गया। शाम सात बजे 28,421 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

जलस्तर बढ़ने से यमुना के निचले इलाकों में पानी भर गया है और अवैध रूप से बसी झुग्गियों में पानी भर गया है। अब तक करीब 10 हजार परिवारों को हटाया गया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार यमुना में सबसे अधिक उफान वर्ष 1978 में आया था। तब यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद वर्ष 2010 में 207.11 मीटर व वर्ष 2013 में जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंचा था।