Since: 23-09-2009
स्पीकर को दी फैसले की जिम्मेदारी
कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया कोर्ट ने इस मामले में विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने की जिम्मेदारी स्पीकर को सौंप दी है अब एक बार फिर से गेंद स्पीकर के पाले में आ गई है और वो तय करेंगे की बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर करे या नहीं उन्हें एक तय समय में फैसला लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता
कर्नाटक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को लेकर फैसला सुनाया है कि उन्हें गुरुवार को होने वाले विश्वास मत में हिस्सा लेने के लिए मजबूर भी नहीं किया जा सकता कोर्ट के इस फैसले के बाद गुरुवार को राज्य विधान सौधा में एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 14 माह पुरानी कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार का शक्ति परीक्षण अहम हो गया है अपनी याचिका में बागी विधायकों ने मांग की है कि स्पीकर केआर रमेश कुमार को उनके इस्तीफे स्वीकार करने का आदेश दिया जाए मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष अपनी दलीलें पेश करते हुए बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत से अंतरिम आदेश बनाए रखने की मांग की, जिसमें बागी विधायकों के इस्तीफों और अयोग्यता के मुद्दे पर स्पीकर को यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा गया था साथ ही उन्होंने बागी विधायकों को विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा जारी व्हिप से छूट प्रदान करने की मांग भी की वहीं, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की ओर से पेश अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को दो अंतरिम आदेश जारी करने का अधिकार नहीं था पहले शीर्ष अदालत ने स्पीकर से बागी विधायकों के इस्तीफों और अयोग्यता पर फैसला करने के लिए कहा और फिर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया उन्होंने कहा कि स्पीकर को इस मामले में समयबद्ध तरीके से फैसला करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। बागी विधायक एक समूह के रूप में सरकार को अस्थिर कर रहे हैं और अदालत को उनकी याचिकाओं पर विचार नहीं करना चाहिए था
MadhyaBharat
All Rights Reserved ©2019 MadhyaBharat News.
Created By:
![]() |