डॉक्टरों ने फिर लिया भगवान का रूप
 MEDICAL Collage

फेल्सिपेरम और हार्ट फेलियर बच्चियों की बचाई जान 

 

 डॉक्टर को भगवान का दर्जा यूँ ही नहीं दिया जाता  एक डॉक्टर इसलिए भगवान माना जाता हैं क्यूंकि ईश्वर के बाद जान बचाने वाला दूसरा वही होता हैं और इस बात को सच कर दिखाया हैं  जगदलपुर मेडिकल कालेज के डॉक्टरों ने  दो जंगल में रहने वाली आदिवासी बच्चियाों की जान बचाई।  जिनके बचने की उम्मीद छोड़ी जा चुकी थी 

सरकारी मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं की खबरे आये दिन अक्खबरों और चैनलों की सुर्खिया बनी रहती हैं  मगर इस बार जगदलपुर मेडिकल कालेज की और डॉक्टरो की तारीफ करते लोग नहीं थक रहे   हो भी क्यों ना मौत के मुह मे जा चुके मरीजों को नया जीवन जो दिया हैं  मेडिकल कालेज मे दो ऐसे मामले सामने आए हैं   जिसमे बस्तर के दूर जंगल मे रहने वाले आदिवासी परिवार की दो बच्चियों को नया जीवन डाक्टर और उनकी टीम ने दिया 

गंभीर ब्रेन मलेरिया (फेल्सिपेरम)  से पीडित  आदिवासी बच्चियां   डिमरापाल मेडीकल कालेज के बच्चा वार्ड में  भर्ती की गई  हिमानी 10 बर्ष  पिता चुन्नी लाल पाण्डे  जो  गंभीर , क्रिटिकल((moribund),बेहोशी (deep coma),शाक (shock) की  हालत में थी  ,बीपी   एकदम लो था।  , मिरगी के झटके,  लाल पेशाब,  व तेज बुखार  से पीड़ित थी   बच्ची को सेरेब्रल मलेरिया  था वंही दूसरी बच्ची  बच्ची   मडकम भीमे 10वर्ष  ,पिता कोसा को  पूरे शरीर में अत्यधिक सूजन के कारण भर्ती किया गया   जिसकी  दिल की  धडकन 150 से अधिक ,सांस की गति 50 से ज्यादा    heart failure की अवस्था में थी  मगर देर ना करते हुए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने दोनों ही बच्चियों की जान बचा ली हैं