धूम धाम से मनाई गई गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी
JANMASHTMI

50 करोड़ के जेवरात से राधाकृष्ण की मूर्ति का श्रृंगार 

सुरक्षा में लगे 100  जवान, CCTV से  निगरानी

 

जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे देश में हर्षो उल्लास के साथ मनाया जा रहा है |   ग्वालियर के गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान राधाकृष्ण का श्रृंगार करीब 50 करोड़ रुपए के जेवरातों से किया गया   |  जेवरातों को कोषालय से कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर लाया गया |  मूर्ती की सुरक्षा में करीब सौ  जवान लगाए गए  हैं   |   साथ ही CCTV से  मंदिर की निगरानी की जा रही  | ग्वालियर के फूलबाग गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान राधाकृष्ण का श्रृंगार करीब 50 करोड़ रुपए से  अधिक के जेवरातों से किया गया   | सिंधिया राजवंश के ये प्राचीन जेवरात मध्यभारत की सरकार के समय गोपाल मंदिर को सौंप दिए गए थे |   इन बेशकीमती जेवरात  हीरे और पन्ना जड़ित हैं   |   जेवरातों को कोषालय से कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर लाया गया   |   जेवरातों को  गंगाजल से धोने के बाद भगवान को पहनाए गए |  गौरतलब है की भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमा को  जेवरात से सजाने  की परंपरा आजादी के पूर्व से है   |  राधा कृष्ण की प्रतिमाओं को बेशकीमती जेवरात पहनाये जाने के बाद मंदिर की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गए हैं  | जन्माष्ठमी पर  सिंधिया राजपरिवार के लोग व  मंत्री,राधाकृष्ण के  दर्शन को आते थे   | आजादी के बाद गोपाल मंदिर से  जुड़ी संपत्ति जिला प्रशासन व निगम प्रशासन के अधीन हो गई है  |  नगर निगम ने इन जेवरातों को बैंक लॉकर में रखवा दिया  |  वर्षों तक ये लॉकरों में रखे रहे   |  साल 2007 में निगम आयुक्त   डॉ. पवन शर्मा  ने  निगम की संपत्तियों की पड़ताल कराई  |  उसमें इन जेवरातों की जानकारी मिली  |   जिसके  बाद तत्कालीन महापौर विवेक शेजवलकर और निगमायुक्त ने  जन्माष्टमी के दिन भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमाओं को इन जेवरातों से श्रृंगार कराने की परंपरा शुरू कराई  |   उसके बाद हर वर्ष इस  परंपरा का पालन किया जा रहा  हैं  |