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जान जोखिम में डाल नाले को पार करते हैं स्कूली बच्चे

छत्तीसगढ़ के नेता -अधिकारी किसी का नहीं है ध्यान 

 

स्कूली बच्चे रायगढ़ के घरघोड़ी में जान जोखिम में डाल कर उफनते नाले को पार करते हैं  | कई सारे अधिकारी और नेता यहाँ आये गए हो गए लेकिन किसी ने भी इन बच्चों की चिंता नहीं की |  ग्रामीणों ने कई बार अपनी समस्या सब को बताई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है  | 

रायगढ़ जिला मुख्यालय से महज 45 किलोमीटर दूर बसा  ग्राम बेलडिपा के बच्चे इन दिनों स्कूल जाने के लिए रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं  |  यह सिलसिला साल में चार महीने चलता है  | इन बच्चों के लिए स्कूल जाना और वहां से वापस आना किसी जोखिम से कम नहीं है  | घरघोडी और बेलडिपा के बीच एक नाला पड़ता है  |  इस नाले को जरकट नाला के नाम से जाना जाता है, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों द्वारा पुल बनाने की मांग कई वर्षों से की जा रही है |  परंतु यह दुर्भाग्य है देश की आजादी के 73 वर्ष के बाद भी कोई नेता और अधिकारी यहाँ एक छोटा सा पुल तक नहीं बनवा सका  |  बारिश में पानी आते ही नाला उफान पर आ जाता है और इस पर एक रस्सा बांधा जाता है  |  फिर लोग बच्चों को पीठ पर बैठाकर नाला पार करवाते हैं और अगर कोई बड़ा साथ न हो तो बच्चों की खुद ही उफनता नाला पार करना पड़ता है  | इन ग्रामीणों की मांगों को आज तक किसी जनप्रतिनिधि और अधिकारी ने नहीं सुना  |  बारिश के दौरान यह गांव एक टापू के रूप में बन जाता है   |  ग्रामीणों में इस बात का भय हमेशा बना  है कि किसी प्रकार कोई हादसा न हो जाए | 

 

MadhyaBharat 25 August 2019

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