केएसके बिजली उत्पादक कंपनी में ताला
BIJLI COMPANY

चार हजार से अधिक लोग हुए बेरोजगार

दो सौ मेगावाट बिजली की सप्लाई कर रही थी

 

छत्तीसगढ़ में 36 सौ मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाली निजी कंपनी केएसके महानदी पॉवर कारपोरेशन  लिमिटेड  में तालाबंदी हो गई है | यह कंपनी उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक 200 मेगावाट और आंधप्रदेश व तमिलनाडु को पांच-पांच सौ मेगावाट बिजली की आपूर्ति कर रही थी  | कंपनी में तालाबंदी से साढ़े तीन हजार से अधिक श्रमिक व कर्मचारी एक झटके में बेरोजगार हो गए हैं | प्रबंधन ने तालाबंदी की वजह कर्मचारी संगठनों के आंदोलन को बताया है |

जांजगीर के नरियरा  में  केएसके महानदी पॉवर कारपोरेशन  लिमिटेड  में बढ़ते झगड़ों की वजह से तालाबंदी हो गई है  |  यहां भारतीय मजदूर संघ और यूनाईटेट मजदूर संघ् के बीच वेतन वृद्धि विवाद को लेकर  विवाद चल रहा था | जिसके चलते  11 सितंबर से उत्पादन बाधित था | 36 सौ मेगावाट के इस प्लांट में वर्तमान में 14 सौ मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था |  यहां से ग्रिड के माध्यम से आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश के अलावा इस छत्तीसगढ़ में बिजली की आपूर्ति की जा रही थी  | मंगलवार सुबह कर्मचारी व श्रमिक जब कंपनी पहुंचे तो मेन गेट पर लाकआउट का नोटिस चस्पा मिला |  प्रबंधन ने इसके लिए मजूदर संघ पर अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मारपीट और बहुसंख्य मजदूरों द्वारा टूलडाउन किए जाने तथा दो श्रमिक संगठनों द्वारा विवाद को जिम्मेदार बताया है  |प्रबंधन ने लाकआउट का कारण यह भी बताया है कि इस गैर कानूनी हड़ताल से कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है और बिजली खरीदने वाले उपभोक्ताओं को परेशानी हुई है, इसलिए औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की  धारा 24(3) के तहत लाकआउट किया गया है  | केएसके महानदी पॉवर प्लॉट मे ताला लगने से  4000 अधिकारी, कर्मचारी सहित भूविस्थापितों पर बेरोजगारी का खतरा मंडरा रहा है |  तालाबंदी से अचानक 15 सौ मगावाट बिजली उत्पदान ठप्प हो गया है | इससे  5 राज्यों को होने वाली बिजली सप्लाई बाधित हुई है |  इस संयंत्र मे 3500 स्थानीय भू विस्थापितों के साथ 500 के करीब अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं  | इस मामले मे प्रबंधन की ओर कोई चर्चा के लिए सामने नही आया वहीं कर्मियों ने बताया कि वेतन और प्रमोशन को लेकर विवाद चल रहा था जिसके बाद  प्रबंधन के द्वारा यह कदम उठाया गया है |