भू -माफियाओं ने कब्जाई सरकारी जमीनें
 BHU MAFIYA

मामूली दाम देकर आदिवासियों की जमीन पर कब्ज़ा

प्रशासन ने माना हुआ है घोटाला  जल्द होगी जांच

 

नरसिंहपुर में एक बड़े भूमि घोटाले को रसूखदारों ने अंजाम दिया है  | भू माफिया पहले  शासकीय जमीन को अति गरीब भूमिहीनों के नाम  हस्तांतरित कराते है   |  और फिर जबरन गरीबों से  महज चंद रुपयों में भूमि अपने नाम करा लेते है  |  कमलनाथ सरकार खुद को गरीबों और आदिवासियों का मसीहा बता रही है  .| लेकिन यहाँ आदिवासी और गरीबों का हक़ छीना जा रहा  | इससे बात साफ़ हो जाती है की गरीबों का सहारा बताने वाले ये नेता सिर्फ चुनावी वादे करते है  |  जबकि हकीकत कुछ और ही है  | 

नरसिंहपुर में  तेंदूखेड़ा विधानसभा के खामघाट स्थित शासकीय भूमि की फर्जी तरीके से जमकर बंदरबाट की गई  | कई सफेदपोश रसूखदारों ने  पहले साजिशन शासकीय भूमि को अति गरीब भूमिहीनों के नाम करवाया  और फिर उसी शासकीय भूमि को मामूली रकम देकर  अपने नाम करा लिया |  यहां तक कि आदिवासियों द्वारा जिस जमीन पर खेती की जा रही थी   | वहां से भी उन्हें बेदखल कर उस पर कब्ज़ा कर लिया गया   |  ऐसे में आदिवासी  दर दर  भटकने को मजबूर हैं  | 

दो दर्जन से अधिक रसूखदारों ने सुनियोजित तरीके से इस घोटाले को अंजाम दिया है  |  क्षेत्र के पटवारी फूल सिंह ने  इसकी पुष्टि  की और बताया की |   कई सालो से फर्जीवाड़ा करके रसूखदारों द्वारा शासन की जमीन को हथिया लिया जाता है  |  जिसके लिए पहले सरकारी जमीन को भूमिहीनों के नाम कराया जाता है फिर उन्हें  उस भूमि से बेदखल कर दिया जाता है  | जबकि शासकीय भूमि को हस्तांतरण नहीं किया जा सकता है   |

क्षेत्रीय विधायक ने  इसे बहुत बड़ा भूमि घोटाला बताते हुए कहा  की  |  वह खुद दो बार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठा चुके है  | विधायक बताते है कि कुछ रसूखदार लोगो द्वारा फर्जीवाड़ा करके घोटाला किया गया  है   | और जल्द ही  इस घोटाले का पर्दफाश होगा |  कई बड़े रसूखदार बेनकाब होंगे  | कलेक्टर ने  इसे एक सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जाने वाला फर्जीवाड़ा बताया  है  | प्रारम्भिक जांच में 12 लोगो के नाम सामने आने की बात कही जा रही   | 

नरसिंहपुर में हुए भूमि घोटाले की अभी और भी कई परतें खुलना बाकी है   | जिसमें कई सफेदपोश चेहरे सामने आएंगे  |   एक बात तो साफ हो चुकी है कि शासकीय भूमि की रसूखदारों द्वारा जमकर बंदरबांट की गई है  | जिसमे आदिवासी और गरीब किसान ठगे गए हैं  |