Since: 23-09-2009

Latest News :
उपराज्यपाल ने सुप्रिया श्रीनेत की कंगना रनौत के खिलाफ पोस्ट मामले में दिल्ली पुलिस से मांगी रिपोर्ट.   फिल्म अभिनेता और पूर्व सांसद गोविंदा शिवसेना के शिंदे गुट में शामिल.   वकीलों ने चीफ जस्टिस को लिखा- न्यायपालिका को बदनाम करने का चलाया जा रहा है राजनीतिक एजेंडा.   केजरीवाल को 01 अप्रैल तक ईडी हिरासत.   आम आदमी की आवाज उठाता रहूँगा: वरूण गांधी.   दो युवकों ने बाबा तरसेम सिंह को लंगर हॉल के बाहर मारी गोली.   भाजपा एकमात्र पार्टी है जो संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य करती है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव.   गर्मी के तेवर शुरू, शहर में अधिकतम पारा अब 39 डिग्री के पार.   अजय विश्नोई ने कहा- भाजपा में शामिल होने वालों का स्वागत करना हमारी मजबूरी.   महाकाल मंदिर के सामने रेस्टोरेंट में आग लगी.   बाघ बाघिन का जोड़ा दमोह पहुंचा मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा गौरव की बात.   पूर्व सांसद और दो पूर्व विधायक भाजपा में शामिल.   नडेनार से एक नक्सली मिलिशिया सदस्य गिरफ्तार.   एट्रोसिटी एक्ट के मामले में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा को न्यायालय ने किया दोषमुक्त.   कांग्रेस डूबता हुआ जहाज- मुख्यमंत्री साय.   कार्यकर्ताओं का भी कांग्रेस से पूरी तरह मोहभंग : किरण सिंह देव.   40 डिग्री चढ़ा तापमान का पारा लोग बेहाल.   ओलावृष्टि से फसल नुकसान किसानों ने की कर्जमाफी की मांग.  
उज्जैन में महर्षि पाणिनि विश्वविद्यालय से संस्कृत की सुवास
उज्जैन में महर्षि पाणिनि विश्वविद्यालय से संस्कृत की सुवास
548 शास्त्री और 501 आचार्य बने दिनेश मालवीयभगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा-स्थली उज्जैन में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्थापित महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय संस्कृत भाषा और वेदों की अमृत-तुल्य शिक्षा की सुवास का निरंतर प्रसार कर रहा है। वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर स्थापित इस विश्वविद्यालय से 1283 विद्यार्थी उपाधियाँ प्राप्त कर चुके हैं। अभी तक 548 विद्यार्थी शास्त्री और 501 विद्यार्थी आचार्य की उपाधि ग्रहण कर चुके हैं। इसके अलावा 109 विद्यार्थी ने बी.ए. तथा 125 विद्यार्थी ने एम.ए. की कक्षा उत्तीर्ण की है। विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश शासन की विभिन्न छात्रवृत्ति तथा उच्च शिक्षा ऋण की सुविधा भी उपलब्ध है।विश्वविद्यालय में पीएच.डी., विद्यावारिधि, एम.फिल., आचार्य आदि उपाधि के पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। विद्यार्थियों को वेद, व्याकरण, साहित्य-शास्त्र, ज्योतिष, ज्योतिर्विज्ञान, संस्कृत-साहित्य जैसे विषय पढ़ाये जा रहे हैं। साथ ही दर्शन-शास्त्र की शिक्षा भी दी जा रही है।विश्वविद्यालय से अभी तक 17 महाविद्यालय संबद्ध हो चुके हैं। इनमें सतना जिले के चित्रकूट के 4 महाविद्यालय, रीवा, कल्याणपुरा (शहडोल), भीतरी (सीधी), देवेन्द्र नगर (पन्ना), लश्कर (ग्वालियर), भोपाल, इंदौर, उज्जैन तथा गोविंदपुरा (जबलपुर) तथा कटनी और सागर में स्थापित एक-एक महाविद्यालय शामिल हैं।विश्वविद्यालय में एक समृद्ध पुस्तकालय है, जिसमें ज्योतिष, संस्कृत भाषा, वेद तथा अन्य विषय की असंख्य पुस्तकें हैं। शोध-पत्रिकाएँ भी प्राप्त की जा रही हैं।विश्वविद्यालय में 5 अध्यापन विभाग हैं। इनमें वेद, व्याकरण अध्यापन, संस्कृत साहित्य एवं दर्शन-शास्त्र अध्यापन, ज्योतिष एवं ज्योतिर्विज्ञान अध्यापन, विशिष्ट संस्कृत (प्राच्य), अध्यापन तथा शिक्षा शास्त्री अध्यापन विभाग शामिल हैं। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिये अनेक गतिविधि चलाई जाती हैं। इनमें युवा महोत्सव, अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण, वाक् क्षमता, शास्त्रीय पांडित्य के लिये वागवर्धिनी सभा, शास्त्रार्थ प्रशिक्षण तथा व्याख्यान-मालाएँ शामिल हैं।वर्तमान में उज्जैन-देवास रोड पर विश्वविद्यालय के नवीन भवन का निर्माण चल रहा है। पंचवटी का निर्माण भी समाप्त हो चुका है।
MadhyaBharat

Comments

Be First To Comment....
Video
Advertisement
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.