पलायन कर रहे जानवर पॉलीथीन से खराब हुआ इकोसिस्टम
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित जंगल में महुआ का पेड़ पुलिस प्रशासन और वन विभाग के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है | अंधविश्वास इस कदर बढ़ गया है की धारा एक सौ चौवालीस लागू होने के बाद भी श्रद्धालुओं को पुलिस रोक पाने में नाकामयाब हो रही है | अब आलम तो ये है की इस जंगल से तेंदुआ ,भालू सहित अन्य जंगली जानवरों ने पलायन शुरू कर दिया है | लोगो ने अंधविश्वास के चलते पूजन सामग्री और हज़ारो पॉलीथिन पेड़ो के तनों में बंध दी है | जिससे इको सिस्टम बिगड़ता जा रहा है |
होशंगाबाद स्थित सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित जंगल में अंधविश्वास का महुआ का पेड़ पुलिस प्रशासन और वन विभाग के लिए गले की हड्डी बन गया है अंध्विश्वास के कारण जंगल का विनाश होने लगा है | महुआ पेड़ वाले जंगल से तेंदुआ भालू ओर अन्य जानवरों ने पलायन कर रहे हैं | लोगो ने पूजन सामग्री और हज़ारो पॉलीथिन पेड़ो के तनों में बंध दी है | जिससे इको सिस्टम बिगड़ गया है | प्रशासन ने बताया की इस अंधविश्वास को मिटाने के लिए सख्त कदम उठाए गए | महुआ के पेड़ के तीस फीट के दायरे में सीमेंट पोल लगाकर कटीले तारो की फेंसिंग लगाई गई है | रास्तो में खन्दक बना दी गई है | महुआ पेड़ की तरफ जाने वाले रास्तो पर बाइक, कार का आवागमन प्रतिबन्धित कर दिया गया है | 200 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है जो महुआ की तरफ जाने वाले लोगो को वापस कर रहे है |
गौरतलब है की सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के नयागांव से लगे जंगल में तेंदुए टाइगर सहित जानवरो की आवाजाही रही है | महुआ के पेड़ से करीब बहने वाली नदी पर दिनभर तेंदुए और बाघ सहित अन्य जानवर आते रहे हैं | लेकिन महुआ के पास लोगों का हुजूम लगने ओर अगरबत्ती के धुंआ ओर गंदगी के कारण यहाँ से जानवर पलायन कर कर गए | इस खतरे को देखते हुए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ने महुआ के पेड़ को कटीले तारो में कैद कर दिया है |