किसानों के लिए टमाटर घाटे का सौदा
 KISAN

मूल्य नहीं मिलने से परेशान हैं किसान

 

मध्यप्रदेश में वैसे तो हर किसान परेशान है लेकिन इस समय सही दाम नहीं मिलने से टमाटर की खेती करने वाले किसान के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है   किसान को समझ नहीं आ रहा वह टमाटर का क्या करे  |  हालात यही रहे तो किसान को सोचना पडेगा कि वो टमाटर की खेती करे या नहीं  | 

कृषि को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने की बातें  तो बहुत हो रही हैं |  पर इस दिशा में ठोस काम सरकार नहीं कर पा रही है

किसानों की सबसे बड़ी समस्या उनकी फसल का बाजिब दाम नही मिलना है  | कड़कड़ाती ठंड,तेज धूप और बरसते पानी मे खेतो में जीवन यापन करने वाले किसान दिन रात एक करके फसल पैदा करते है लेकिन उनको अपनी फसल बेचने के लिए बाजार फसल का वाजिब दाम नही मिलने से किसान निराश है और अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है |  सागर जिले के रहली के टमाटर उत्पादक किसानों की  हालत भी इस समय खस्ता है  | रहली ब्लाक के गावों  में भारी तादाद में टमाटर का उत्पादन होता है  | चनोआ ग्राम के किसान टमाटर की फसल का उत्पादन करने में विशेषज्ञ माने जाते है  |  चनोआ के किसान आधुनिक तरीके से टमाटर का उत्पादन करते है  |  लेकिन सही दाम नहीं मिलने से किसानों की कमर टूट गई है | 

इस इलाके  के टमाटर अपनी विशेष क्वालिटी के कारण कई प्रदेशों में पहचान रखते है  |  टमाटर की शानदार क्वालिटी का और भरपूर उत्पादन के बाद  भी यहां के किसान वाजिब दाम नही मिलने से परेशान है |  किसानों का कहना है कि भारी मेहनत एवं भरपूर लागत लगाने के वाद टमाटर का उत्पादन करते है लेकिन बाजार नही मिलने के कारण फसल का सही मूल्य नही मिलता है  |  रहली क्षेत्र में लगभग 350 हेक्टेयर में टमाटर की खेती होती है और प्रति हेक्टेयर 250 कुंवटल टमाटर की पैदावार होती है  | रहली क्षेत्र में टमाटर उत्पाद फेक्ट्री की महती आवश्यकता है  |  यहाँ के किसान शासन से लंबे समय से क्षेत्र में टमाटरों के उत्पाद की फैक्टरी लगाने की मांग करते आ रहे है।उद्यानिकी विभाग के अधिकारी भी मानते है कि रहली क्षेत्र में बड़ी तादाद में टमाटर का उत्पादन होता है और यहाँ टमाटर उत्पाद की फैक्ट्री लगाने की आवश्यकता है  | लेकिन सरकार जमीन पर कुछ नहीं कर रही है |