निराश्रित बालिकाओं के उत्थान की पहल सराहनीय
निराश्रित बालिकाओं के उत्थान की पहल सराहनीय
मुख्यमंत्री चौहान जबलपुर के इन्द्रधनुष कार्यक्रम मेंमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जबलपुर जिले में निराश्रित बालिकाओं के उत्थान के लिए की जा रही पहल सराहनीय है। इस पहल से बेटियों के हित में किए जा रहे शासन के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ेगी। श्री चौहान आज जबलपुर में 'इन्द्रधनुष-आओ रंग बिखेरें'' कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वे प्रतिपालक बधाई के पात्र हैं, जो निराश्रित अथवा जीविकोपार्जन के लिए श्रम करने को बाध्य बालिकाओं की जिम्मेदारी लेने आगे आये हैं।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाने के कार्य को सरकार और समाज मिलकर ही प्रभावी ढंग से अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन्द्रधनुष कार्यक्रम में आगे आये प्रतिपालकों से प्रेरणा पाकर अन्य लोग भी इस भूमिका को अंगीकार करेंगे, जिसके चलते परिदृश्य में निश्चय ही सुखद बदलाव होगा।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाज में बेटियों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बेटियों को बचाना, उन्हें आगे बढ़ाना और पढ़ाना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के उत्थान के लिए सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी, गाँव की बेटी तथा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी तमाम योजनाएँ आरंभ की हैं। उन्होंने कहा कि केवल लाड़ली लक्ष्मी योजना में ही 18 लाख से ज्यादा बेटियों को लाभान्वित किया गया है।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि संस्कारधानी जबलपुर ने निराश्रित बालिकाओं के उत्थान के लिए पहल की है और निश्चय ही इस दिशा में जबलपुर प्रदेश का नेतृत्व कर सकता है। श्री चौहान ने कार्यक्रम के आरंभ में 33 निराश्रित बालिकाओं की जिम्मेदारी लेने आगे आए 11 प्रतिपालकों से भेंट की। मुख्यमंत्री को बाल भवन के बाल कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग शक्तिरूपा भेंट की गई।मुख्यमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए आई.जी. (महिला अपराध) श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव की भी प्रशंसा की। श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि शासन की जन-हितैषी योजनाओं का लाभ निराश्रित, अनाथ, अशिक्षित तथा जीविका के लिए श्रम करने को बाध्य बालिकाओं तक पहुँचाने में इन्द्रधनुष कार्यक्रम एक सेतु का काम करेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कार्यक्रम नागरिकों की सोच में बेटियों के प्रति सकारात्मक बदलाव का वाहक बन सकेगा।