अब सफेद बाघों को जंगल में बसाने के प्रयास होंगे
 WHITE TIGER

मध्य प्रदेश में है करीब नौ व्हाइट टाइगर

 

रीवा के जंगल में पहली बार मिले सफेद बाघ को मध्य प्रदेश के खुले जंगलों में बसाने  के बारे में मध्यप्रदेश का वन विभाग विचार कर रहा है  | वन विभाग ने 2012 में सफेद बाघों को खुले जंगल में बसाने का प्रस्ताव नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को भेजा था  |  तब भारतीय वन्य जीव संस्थान ने इसकी इजाजत नहीं दी थी, लेकिन हाल ही में एक शोध के बाद संस्थान ने एनटीसीए को पत्र लिखकर कहा है कि यहां सफेद बाघों को जंगल में बसाया जा सकता है   इसके बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने  मध्यप्रदेश शासन को इस दिशा में फिर से संभावना तलाशने को कहा है | 

इस समय मध्यप्रदेश के चिड़ियाघरों में नौ सफेद बाघ हैं| जिन्हें खुले जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता है  | इसलिए केंद्र सरकार सफेद बाघ प्रोजेक्ट लाकर ही इस प्रजाति को संरक्षित कर सकती है | एमपी के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डॉ. यू. प्रकाशम  का कहना है चिड़ियाघरों  के बाघों को खुले जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता है | नई जनरेशन से ही यह संभव है |इसमें भी कई जनरेशन के बाद सफेद बाघ पैदा किए जा सकते हैं  | इस संबंध में राज्य सरकार जल्द निर्णय लेगी  | सरकारें इन  बाघों की सफेदी का कारण अब तक आनुवांशिक मानती आई हैं  |  भारतीय वन्यजीव संस्थान के विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बाघों का जीन बदल जाता है | लंबे समय के शोध के बाद संस्थान के विशेषज्ञों ने इसे अलग प्रजाति मान लिया है |  पिछले माह संस्थान ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को इसकी जानकारी दी है और यह भी बताया है कि सफेद बाघों को खुले जंगलों में छोड़ा जा सकता है |  वे शिकार करने और जंगल की समस्याओं से जूझने में सक्षम हैं |  व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर रीवा और इंदौर चिड़ियाघर में नौ सफेद बाघ   हैं  | लेकिन इन सफेद बाघों को खुले जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता है |  बाघ विशेषज्ञों का कहना है कि चिड़ियाघरों में लंबा समय गुजार चुके ये बाघ जंगल में सर्वाइव नहीं कर पाएंगे  | दरअसल, इन्हें मनुष्यों के नजदीक रहने और देखरेख की आदत पड़ चुकी है  |  ये जंगल में जाएंगे तो सामान्य बाघ के सामने नहीं टिक पाएंगे  | वर्ष 1952 में रीवा राजघराने के राजा मार्तण्ड सिंह को शिकार के वक्त सफेद बाघ मिला था  |  संभवत: वह अपनी मां से बिछुड़ गया था  |  पहले तो राजा ने उसे मारना चाहा, लेकिन बाद में उसे साथ ले आए |  उसका नाम मोहन रखा गया  |  मोहन ने 34 संतानों को जन्म दिया |  उसके कुनबे में 114 बाघ होने का रिकॉर्ड है  |  मोहन की संतान ही देश और विदेश में पहुंचीं |