थाना प्रभारी को भारी पड़ी माफियाओं के खिलाफ कार्यवाई
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थाना प्रभारी का हुआ तबादला सरकार पर खड़े हुए सवाल

 

मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में पदस्थ एक  प्रशस्ति पत्र से  सम्मानित  पुलिस अधिकारी का तबादला कर दिया गया  | थाना प्रभारी  का कसूर बस इतना था की वह ईमानदारी से अपना काम करते हुए  |  रेत ,जुआ सट्टा ,अवैध शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर लगतार माफियाओं के खिलाफ कार्यवाई कर रहे थे  |  ये सब  रसूखदारों और नेताओं को पसंद नहीं आया   और एक ईमानदार युवा पुलिस अधिकारी को अचानक पुलिस लाइन  भेज दिया गया  |  यह सरकार की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है  | 

छिंदवाड़ा में  जुन्नारदेव विधानसभा के  नवेगांव  पुलिस स्टेशन  के  प्रभारी विजेन्द्र सोलंकी का ताबदाला किया जाना  |  सरकार की माफियाओं के खिलाफ हो रही कार्यवाई की मंशा  पर सवालिया निशान खड़ा  करता  है  |  मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले में पदस्थ एक ऐसे पुलिस अधिकारी की जो अपने बेहतर कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया हो  | और जिनको  सीएम कमलनाथ ने स्वयं सम्मानित किया हो  | उसका तबादला दस महीने के कार्यकाल में क्यों किया गया यह सोचने का विषय है | थाना प्रभारी  माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर लगातार कार्यवाई कर रहे थे  | जो की रसूखदारों और नेताओं को अच्छा नहीं लगा  | जिसकी कीमत उन्हें अपने स्थान्तरण से चुकानी पड़ी | बताया जा रहा है की थाना प्रभारी ने स्वयं अपना मोबाइल नंबर आम जनता को दे रखा था  और कोई भी परेशानी होने पर उन्हें कॉल किया जा सकता था | 

 बताया जा रहा है की थाना प्रभारी विजेन्द्र सोलंकी अपने सामाजिक कार्य के लिए भी जाने जाते है  | उन्होंने कई बार खुद  रक्तदान शिविर का आयोजन कराया  |  ताकि जरूरतमंदो को समय पर रक्त मिल सके  |  स्कूल में बच्चों को कानून और नियम की जानकारी दी  | गरीब और असमर्थ बच्चो

की हमेशा सहायता की  |