कर्ज में डूब रहा है कमलनाथ का मध्यप्रदेश
  SARKAR KARZ

उद्योगपति मुख्यमंत्री को भी कर्ज का सहारा

इधर आइफा उधर एकहजार करोड़ का कर्ज

 

मध्यप्रदेश की आइफा वाली कमलनाथ सरकार फिर एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी  | कमलनाथ सरकार अब तक  19 हजार 600 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है  |  मध्य प्रदेश के ऊपर दो लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है  | मुख्यमंत्री कमलनाथ की सारी कलाकारी भी मध्यप्रदेश के वित्तीय प्रबंधन को ठीक नहीं कर सकी है | 

वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही प्रदेश सरकार  एक बार फिर बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है  | यह राशि विकास परियोजनाओं और वित्तीय गतिविधियों में लगाई जाएगी  | इसके पहले भी सालभर में 19 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है  | इसे मिलाकर प्रदेश के ऊपर कर्ज लगभग दो लाख करोड़ रुपए का हो चुका है  | मध्यप्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद कहा जा रहा था कि वह वित्त प्रबंधन के मास्टर हैं और कुछ ही महीने में मध्यप्रदेश की माली हालात सुधर जाएंगे  | लेकिन सवा साल बीतने के बाद एमपी की वित्तीय हालत जस की तस बनी हुई है और कमलनाथ का जादू भी फेल होता दिख रहा है  | मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सूत्रों का कहना है  केंद्रीय करों में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती होने के बाद सरकार का वित्तीय प्रबंधन गड़बड़ा गया है  | मध्य प्रदेश में लगभग 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता और राहत पांच फीसदी बढ़ाने का फैसला अभी तक नहीं हो पाया है  | धनराशि नहीं होने से विभागों के बजट में बड़ी कटौती भी करना पड़ी है |  इतना ही नहीं, कई खर्चों पर वित्त विभाग ने रोक लगा दी है।  | ऐसी सूरत में  कर्ज लेने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नजर ही नहीं आ रहा | इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार से दस साल के लिए कर्ज लिया जा रहा है  | वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में तय सीमा के दायरे में रहते हुए कर्ज ले रहे हैं | राज्य सकल घरेलू उत्पाद   का साढ़े तीन  प्रतिशत तक कर्ज लिया जा सकता है |