नए कृषि कानून के कारण हुई तत्काल कार्यवाही
प्रशासन ने लिया किसानों के हित में बड़ा फैसला
किसानों से अनुबंध के बावजूद फॉर्चून राईस द्वारा धान नही खरीदी जाने के प्रकरण में मध्य प्रदेश के कृषि विभाग द्वारा तत्परतापूर्वक कार्रवाई की गई | नवीन कृषि कानून | "किसान अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020" | के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई है | इससे किसान बेहद प्रसन्न नजर आये | मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के पिपरिया तहसील के भौखेडी एवं अन्य ग्राम के कृषकों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीदी करने के लिए जून 2020 में फ़ोर्चून राईस लिमिटेड कंपनी दिल्ली द्वारा लिखित अनुबंध किया गया था | कंपनी द्वारा शुरू में अनुबंध अनुसार खरीदी की जाती रही किंतु धान के भाव रूपये 3000 प्रति क्विंटल होने पर दिनांक 9 दिसम्बर को कंपनी के कर्मचारियो ने खरीदी बंद कर फोन बंद कर लिये | 10 दिसंबर को ग्राम भौखेडी के कृषक पुष्पराज पटेल एवं ब्रजेश पटेल ने एसडीएम पिपरिया को शिकायत की | प्रकरण मे तत्परतापूर्वक कार्रवाई कर न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी पिपरिया ने समन जारी कर फॉर्चून राइस लिमिटेड को 9 दिसंबर के पहले अनुबंध अनुसार उच्चतम दर पर धान क्रय करने की हिदायत दी | इसके बाद बोर्ड में सहमति के आधार पर फाॅर्चून राईस ने अनुबंधित कृषको से रू रूपये 3000 प्रति क्विंटल की दर धान खरीदने हेतु सहमति दी |
इस प्रकार नये कृषक कानून का प्रयोग करते हुए शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटे के अंदर कृषको को अनुबंध अनुसार उच्चतम बाजार दिलाये जाने की कार्रवाई की गई | उक्त अधिनियम के तहत लिए गए फैसले से किसानों में हर्ष व्याप्त है | किसानों द्वारा बताया गया कि कंपनी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट के बावजूद धान खरीदे नहीं किए जाने से हमें बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता | किसान हितैषी नया कृषि कानून हमारे लिए आशा की किरण लेकर आया है | किसानों के हित में लिए गए इस फैसले से अब हम अनुबंध के अनुसार अपनी उपज कंपनी को बेच पाएंगे | नए कृषि कानून आने के बाद ये देश का पहला मामला है जहां कंपनी को कांट्रेक्ट करने के बाद किसानों को तुरंत उनकी उपज खरीदने के लिए बाध्य होना पड़ा है |