परम्परा के साथ आधुनिकता का संगम होगा सिंहस्थ 2016
परम्परा के साथ आधुनिकता का संगम होगा सिंहस्थ 2016
सिंहस्थ कुंभ महापर्व-2016 विक्रम संवत 2073 में इस बार परम्परा के साथ आधुनिकता का संगम होगा। सिंहस्थ की प्राचीन गौरवशाली परम्परा के साथ सिंहस्थ कुंभ मनाने की पूरी तैयारी 3000 हेक्टेयर से अधिक पड़ाव क्षेत्र में की जा रही है। उज्जैन शहर में बन रहे बड़े-बड़े पुलों, फ्लाई ओवर, फिल्ट्रेशन प्लांट, इंटरप्रिटेशन सेन्टर और फोरलेन मार्गों ने उज्जैन को मेट्रो शहर जैसा लुक दे दिया हैइस बार के सिंहस्थ के लिये पिछले सिंहस्थ के 267 करोड़ के कार्यों की तुलना में 2591 करोड़ रूपये का अधिक बजट स्थायी एवं अस्थायी कार्यों के लिये प्राप्त हुआ है। इसमें 80 प्रतिशत कार्य स्थायी प्रकृति के हैं, जो उज्जैन के लिये स्थायी सौगात होंगे। शेष 20 प्रतिशत बजट राशि से मेला क्षेत्र में अस्थायी प्रकृति के कार्य करवाये जा रहे हैं। उज्जैन नगर में 362 करोड़ रुपये लागत की लगभग 100 सड़क तैयार की गयी हैं। इन सभी सड़कों की कनेक्टिविटी इनर रिंग रोड से कर दी गयी है। देवास रोड से इन्दौर रोड को मिलाने वाला इंजीनियरिंग कॉलेज रोड फोर लेन बनाया गया है। इस फोर लेन रोड पर पर्याप्त संख्या में लाइट्स लगाई गई हैं। इन्दौर रोड के महामृत्युंजय द्वार से उज्जैन शहर में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है जैसे किसी मेट्रो शहर में पहुँच रहे हों।सिंहस्थ-2016 के लिये करीब 94 करोड़ रूपये की लागत से 14.29 किलोमीटर लम्बा उज्जैन पश्चिम बायपास इनर रिंग रोड बनाया गया है। इस मार्ग पर आवागमन प्रारम्भ हो गया है। उज्जैन की इस महत्वपूर्ण सड़क को इन्दौर-उज्जैन फोर लेन, बड़नगर रोड तथा उन्हेल-नागदा मार्ग को जोड़ा गया है। यह सड़क सांवराखेड़ी सेटेलाईट टाऊन से शुरू हो रहे मेला क्षेत्र के आसपास एक-एक किलोमीटर की दूरी से गुजरती है, जिसमें मेला अवधि में आने वाले श्रद्धालु अपने वाहन सहित अपने गंतव्य तक पहुँच सकेंगे। इस मार्ग के बन जाने से अब भारी वाहन बिना उज्जैन नगर में प्रवेश किये अन्य जगह आ-जा रहे हैं। इस बार सिंहस्थ में 177 करोड़ की लागत के चार रेलवे ओवर ब्रिज तथा क्षिप्रा नदी पर आठ ब्रिज बनाये जा रहे हैं। इससे आवागमन एवं क्षिप्रा नदी पर श्रद्धालुओं को इस पार से उस पार जाने में अधिक सुविधा होगी।सिंहस्थ-2016 के लिये क्षिप्रा नदी का किनारा श्रद्धालुओं के स्नान के लिये तैयार किया जा रहा है। क्षिप्रा के बाँये किनारों पर जहाँ एक ओर लाल पुल से लेकर भूखी माता और भूखी माता से लेकर दत्त अखाड़ा तक विशाल घाटों का निर्माण कार्य हो गया है, वहीं दाँये तट पर भी लाल पुल से लेकर नरसिंह घाट तक की खाली पड़ी जगहों पर भी घाटों का निर्माण किया जा चुका है। सिंहस्थ-2016 में हरिद्वार की हर की पोढ़ी जैसे सुन्दर घाट क्षिप्रा नदी पर होंगे। इस बार पाँच किलो मीटर लम्बाई में नये घाट बनाये गये हैं। सिंहस्थ में श्रद्धालुओं के स्नान के लिये क्षिप्रा तट के दोनों किनारों पर 8.34 किलोमीटर लम्बाई में घाट उपलब्ध रहेंगे।पाइप लाइन के जरिये हो रहा है खान डायवर्सनक्षिप्रा नदी में शुद्ध जल से स्नान हो सके, इसके लिये राज्य सरकार द्वारा खान नदी डायवर्सन योजना पर काम किया जा रहा है। ग्राम पिपल्याराघौ से निकालकर खान नदी को 19 किलोमीटर लम्बाई में पाइप लाइन के जरिये कालियादेह महल के आगे क्षिप्रा नदी से जोड़ा जा रहा है। इस तरह त्रिवेणी के आगे से भूखी माता, रामघाट और मंगलनाथ क्षेत्र के सभी घाटों पर क्षिप्रा नदी का शुद्ध जल प्रवाहित होगा। इस कार्य के लिये राज्य शासन ने 90 करोड़ की राशि का प्रावधान किया है। निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है और कार्य फरवरी-2016 तक पूरा हो जायेगा। खान डायवर्सन में पाइप का आकार इतना बड़ा है कि छोटी कार इसमें से होकर गुजर सकती है।