कुम्भ में बैंगनी ड्रेस में मुस्तैदी से तैनात हैं सफाईकर्मी
कुम्भ में बैंगनी ड्रेस में मुस्तैदी से तैनात हैं सफाईकर्मी
उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक होने वाले सिंहस्थ में मेला क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की योजना तैयार की गयी है। मेला क्षेत्र में बैंगनी कलर की ड्रेस में सफाईकर्मी नियमित रूप से सफाई कार्य को अंजाम दे रहे हैं। सिंहस्थ के दौरान शाही स्नान के दिनों में एक करोड़ श्रद्धालु प्रतिदिन तथा सामान्य दिनों में 20 से 25 लाख श्रद्धालु मेला क्षेत्र में रहेंगे। लगभग 1000 से 1200 मीट्रिक टन कचरा प्रति सामान्य दिनों में उठाया जायेगा। कचरे की यह मात्रा शाही स्नान के दिनों में लगभग दुगनी हो जायेगी। उज्जैन नगर निगम ने शाही स्नान के दिनों में प्रतिदिन 2500 मीट्रिक टन कचरा उठाने की योजना बनायी है। इसी दौरान उज्जैन के शहरी क्षेत्र में भी प्रतिदिन 300 मीट्रिक टन कचरा उठाया जायेगा। कचरा निपटान की दृष्टि से मेला क्षेत्र को पैकेज-ए तथा पैकेज-बी में बाँटा गया है। पैकेज-ए में दत्त अखाड़ा और महाकाल जोन शामिल हैं। कांट्रेक्टर द्वारा पैकेज-ए के क्षेत्र में 3000 सफाईकर्मी तैनात किये जायेंगे। पैकेज-बी में कालभैरव और मंगलनाथ जोन को शामिल किया गया है। मेले के दौरान इन क्षेत्रों में 2000 सफाईकर्मी की तैनाती रहेगी। घाटों तथा घाट क्षेत्र में, विशेषतौर पर सफाई के लिये मेन्युअल के साथ मेकेनिकल व्यवस्था की जायेगी। जेट मशीन का इस्तेमाल घाटों की सफाई के लिये किया जायेगा। क्षिप्रा नदी में बहते कचरे को इकट्ठा करने के लिये नेट का इस्तेमाल भी किया जायेगा। मेला क्षेत्र में सकरे रास्तों पर 45 छोटे वाहन नियमित रूप से कचरा इकट्ठा करेंगे। करीब 20 ट्वीन डंपर प्लेसर ट्रक भी इस्तेमाल होंगे। सफाई कार्य में 10 काम्पेक्टर व्हीकल, 8 कैरिंग मूवेबल काम्पेक्टर व्हीकल, 40 टीपर वाहन और 40 डम्पर प्लेसर व्हीकल-सह-कंटेनर उपयोग में लाये जायेंगे।सिंहस्थ के दौरान मेला क्षेत्र में करीब 400 किलोमीटर लम्बाई में विभिन्न सड़कों की सफाई रोड स्वीपिंग मशीन द्वारा की जायेगी। इसके लिये 4 मशीन प्रतिदिन काम करेंगी। इन मशीनों की स्पीड 15 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। सिंहस्थ में विभिन्न जोन क्षेत्र में अलग-अलग सड़क पर सफाईकर्मी तैनात रहेंगे। अस्सी फीट सड़क पर प्रत्येक 50 मीटर पर एक सफाईकर्मी, 60 फीट रोड पर प्रत्येक 100 मीटर पर एक सफाईकर्मी तैनात रहेगा। मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की निगरानी के लिये विशेष निगरानी दस्ते लगातार कार्य करते रहेंगे।