मुख्यमंत्री योगी ने दिया इस्तीफा
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद नई सरकार के गठन की कवायद शुरू हो गई है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार शाम को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

इस्तीफा देने से पहले मुख्यमंत्री योगी ने कैबिनेट की बैठक की। इसके बाद वह सीधे राजभवन गये। उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी थे। वहां उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंपा।

इस्तीफा देने के बाद योगी आदित्यनाथ अब शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में जुट गए हैं। भाजपा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नई सरकार का गठन होली से पहले संभव है। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय और आवास से लेकर राजभवन तक कवायद शुरू हो गई है। सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस संबंध में आज मुख्यमंत्री योगी के साथ बैठक की। इस बैठक में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

मौजूदा योगी सरकार का कार्यकाल 15 मई को समाप्त हो रहा है, लेकिन विधानसभा का चुनाव परिणाम आ चुका है। ऐसे में होली के पहले ही नई सरकार के गठन का काम पूरा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

सूत्रों का कहना है कि नई सरकार के गठन को लेकर योगी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समेत कई नेता पार्टी नेतृत्व से मिलने दिल्ली जाएंगे और वहां पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक कर नई सरकार के गठन का निर्णय करेंगे। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने की भी संभावना है। दिल्ली से वापसी के बाद भाजपा विधायकों की बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव होगा और इसके बाद मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम होंगे। नई सरकार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है।

गौरतलब है कि 403 सीटों वाली उप्र विधानसभा के चुनाव में भाजपा गठबंधन को प्रचंड बहुमत के साथ 273 सीटें मिली हैं। वहीं प्रमुख विपक्षी दल के रूप में समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने 125 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को मात्र दो और बसपा को एक एवं अन्य को दो सीटें मिली हैं।