पारंपरिक उपचार के लिए भारत आने वालों के लिए शुरू होगी ‘आयुष वीजा श्रेणी’
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि भारत ‘आयुष मार्क’ विकसित कर रहा है जो देश के गुणवत्ता वाले आयुष उत्पादों को प्रामाणिकता प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने पारंपरिक उपचार के लिए भारत आने वालों के लिए आयुष वीजा श्रेणी शुरू करने की भी घोषणा की।

 

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में महात्मा मंदिर में आयोजित वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारत के हर्बल प्लांट को ग्रीन गोल्ड की संज्ञा देते हुए कहा कि प्राकृतिक संपदा को मानवता के हित में उपयोग करने के लिए सरकार हर्बल और मेडिसनल प्लांट के उत्पादन को निरंतर प्रोत्साहित कर रही है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में हमने देखा कि मॉर्डन फार्मा कंपनियों और वैक्सीन मैन्यूफैक्चर्स को उचित समय पर निवेश मिलने पर उन्होंने कितना बड़ा कमाल करके दिखाया। कौन कल्पना कर सकता था कि इतनी जल्दी हम कोरोना की वैक्सीन विकसित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि आयुष के क्षेत्र में निवेश और नवाचार की संभावनाएं असीमित हैं। आयुष दवाओं, सप्लमेन्ट्स और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेज़ी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में जहां आयुष क्षेत्र 3 बिलियन अमेरिकी डालर से भी कम था वो अब बढ़कर 18 बिलियन अमेरिकी डालर पर पहुंच गया है।

 

उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं। कुछ दिन पहले ही अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के द्वारा विकसित एक ऊष्मायन केंद्र का उद्घाटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में तो ये यूनिकॉर्न्स का दौर है। साल 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्ट-अप्स, यूनिकॉर्न क्लब में जुड चुके हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत ही जल्द आयुष के हमारे स्टार्ट अप्स से भी यूनिकॉर्न उभर कर सामने आएंगे।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत जरूरी है कि मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जुड़ने की सहूलियत मिले। इसके लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी पिछले ही हफ्ते अपने नियमों में ‘आयुष आहार’ नाम की एक नयी श्रेणी घोषित की है। इससे हर्बल पोषक तत्वों की खुराक के उत्पादकों को बहुत सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है। भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष प्रॉडक्ट्स पर ये मार्क लगाया जाएगा। ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा। इससे विश्व भर के लोगों को क्वालिटी आयुष प्रॉडक्ट्स का भरोसा मिलेगा।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल के पर्यटन को बढ़ाने में पारंपरिक औषधि ने मदद की। ये सामर्थ्य पूरे भारत में है, भारत के हर कोने में है। ‘हील इन इंडिया’ इस दशक का बहुत बड़ा ब्रांड बन सकता है। आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा आदि विद्याओं पर आधारित स्वास्थ्य केंद्र बहुत प्रचलित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो विदेशी नागरिक, भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक और पहल कर रही है। शीघ्र ही, भारत एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने जा रहा है। इससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी।