मध्यप्रदेश में शिक्षा के नाम पर चलने वाल तमाम योजनाओं के बाद भी निरक्षर महिलाएं साक्षर नहीं हो पा रही हैं। जिसके चलते इन योजनाओं पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं। हाल ही में आयी जनसंख्या निदेशालय की रिपोर्ट से हुए खुलासे में पता चला है कि प्रदेश के मुरैना जिले में अभी आधी से अधिक महिलाएं अनपढ़ हैं। इससे जिले में शिक्षा के लिए चलाई जा रहीं योजनाओं और विभिन्न अभियानों की पोल खुल गई है। ऐसा तब हो रहा है जब शासन स्कूलों व प्रौढ़ शिक्षा के कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 19 लाख की आबादी में महिलाओं की संख्या 8 लाख 97 हजार 533 है। इनमें से चार लाख 65 हजार 533 महिलाएं अनपढ़ हैं। पढ़ी हुई महिलाओं की संख्या चार लाख 32 हजार 33 है।
कैसे फैले शिक्षा का उजियारा
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई सरकारी स्कूल हैं, लेकिन इन स्कूलों का शिक्षा का स्तर बिगड़ता जा रहा है। स्कूलों में पढ़ाई न होने से पालक अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेजते या फिर गांव में स्कूल नहीं है तो लड़कों को स्कूल भेज देते हैं, लेकिन लड़कियों को घर पर रख लेते हैं। अंचल में अभी भी बाल विवाह या फिर निर्धारित आयु से कम उम्र में लड़कियों का विवाह हो रहा है। पांचवीं या आठवीं पास करने के बाद लड़कियों की शादी कर दी जाती है। जिससे लड़कियां आगे अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाती हैं।
स्नातक की संख्या भी कम
जिले में हायर सेकंडरी व हाईस्कूलों की संख्या भी कम है। दूर होने से पालक लड़कियों को पढऩे के लिए नहीं भेजते। जहां तक कॉलेजों की बात है तो केवल शहरी क्षेत्रों में हैं। ऐसे में लड़कियां कॉलेज नहीं पहुंचती। यही वजह है कि स्नातक लड़कियों या महिलाओं की संख्या सबसे कम है।
यह है जिले में शिक्षा की स्थिति
निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में चार लाख 32 हजार 33 महिलाएं ही पढ़ी लिखी हैं।जिले में वे महिलाएं जो स्कूल तो गईं लेकिन उनकी शिक्षा प्राइमरी से कम है। उनकी संख्या 92 हजार 473 है। जिले में वे महिलाएं जिन्होंने पढ़ाई की और प्राइमरी भी पास की, लेकिन किन्हीं कारणों से मिडिल कक्षा पास नहीं कर पाईं। इनकी संख्या एक लाख 39 हजार 262 के करीब है।
जिले में उन महिलाओं की संख्या 1 लाख 3 हजार 887 है जिन्होंने मिडिल स्कूल तो पास किया पर उन्होंने हाई स्कूल और हायर सेकंडरी करने से पहले ही स्कूल को छोड़ दिया।जिले में 64 हजार 758 महिलाएं ही ऐसी हैं जो मिडिल स्कूल पास करने के बाद हायर सेकंडरी तक पढ़ाई कर पाईं। इसके बाद उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाईं।जिले में महज 15 हजार 773 महिलाएं ही ऐसी हैं, जो हायर सेकंडरी पास करने के बाद पीजी में पहुंची और उससे ऊपर पढ़ाई की।