दुबक कर भागे कांग्रेसी
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राजेन्द्र जायसवाल 

 

प्रदेश के मुखिया के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस के द्वारा जारी पोस्टर को रात में चुपके से चस्पा कर रहे कांग्रेसियों को पार्टी के लोगों ने दौड़ाया तब उन्हें पोस्टर छोड़कर दुबककर भागना पड़ा। इन कांग्रेसियों को कौन समझाए कि पार्टी का काम रात को चोरी चुपके से करोगे तो आखिर हल्ला बोलने पर दुबककर भागना ही पड़ेगा। 

 

पट्टा तो आखिर सबको चाहिए

छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष रहे और वरिष्ठ भाजपा नेता की तर्ज पर फिर एक बार झुग्गी झोपड़ी वासियों को पट्टा दिलाने का बिगुल माटी मंच ने फूंक दिया है। पट्टा के लिए आवेदन भरने को लेकर किए जा रहे शिविर जिस तरह झुग्गी झोपड़ीवासियों का रैला उत्साह दिखा रहा है उससे दोनों दलों के लोगों की नींद हराम हो गई है। झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को पट्टे की सख्त दरकार है। इसके लिए अगुवाई चाहे कोई भी करे। 

 

चूक गए राजेश यादव

भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला कार्यकारिणी में महामंत्री का दायित्व संभाल रहे राजेश यादव को जिलाध्यक्ष की घोषणा के चंद घंटे पहले जमकर झटका लगा जब उन्हें यह पता चला कि उनका नाम जिलाध्यक्ष की सूची से हटाकर मनोज मिश्रा को शामिल किया गया है। संसदीय सचिव के अनुसंशा पर जिलाध्यक्ष की कुर्सी के करीब पहुंचने वाले राजेश यादव को अंतत: प्रदेश मंत्री जैसे प्रमुख पद का दायित्व अमित टमकोरिया के नाम को विलोपित कर सौंपा गया जिसकी भी चर्चा खूब रही। 

 

मुफ्त में मिलेगी बिजली

बीपीएल परिवारों को मिल रहे चावल, शक्कर, तेल, चना और गैस सिलेंडर के बाद मुफ्त में बिजली दिलाने का नया शिगुफा जोगी कांग्रेस के नेताओं ने फूंक दिया है। बकायदा प्रेस कांफ्रेस लेकर घोषणा की गई है। बीपीएल परिवार भी मुफ्त में मिलने वाले हर सुविधा और नेताओं की घोषणाओं को टकटकी निगाह से देख रहा है। 

 

बारिश ने खोली स्वच्छता की पोल

 

निगम क्षेत्र में जोर शोर से प्रारंभ हुए स्वच्छता अभियान की पोल पहली ही बारिश ने खोलकर रख दी है। समय से पहले नाली व बड़े नालों की सफाई के अभाव में बारिश का पानी दुकानों और गली मोहल्लों में घुसकर निगम के जोर शोर से प्रारंभ हुए स्वच्छता अभियान की पोल खोलकर रख दी है। हालांकि बड़े-बड़े कार्यशाला और विभिन्न आयोजनों के माध्यम से स्वच्छता अभियान को बनाए रखने का हर संभव प्रयास जारी है। 

 

कहां गए कांग्रेस के 6 सदस्य

जिला वनोपज के चुनाव से पहले बहुमत में होने का दावा कांग्रेसी करते रहे और चुनाव के ठीक पहले जिला ग्रामीण अध्यक्ष के कार्यालय में भी बहुमत के आंकड़े से अधिक 6 सदस्यों ने उपस्थिति दर्ज कराकर कांग्रेस का साथ देने का रस्म भी निभाया। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तर्ज पर जिला वनोपज के चुनाव में भाजपा ने बाजी मार ली। अब यह चर्चा खूब रही कि कांग्रेस के 6 सदस्य आखिर किससे हुई सेटिंग के बाद बदले गए। 

 

और अंत में 

छात्र संघ चुनाव के चुनावी वादों और पोस्टरों पर नजर डालें तो छात्र-छात्राओं का माथा घूम जाएगा कि वे जिसे चुनने जा रहे हैं वह महज एक कालेज कैम्पस का अध्यक्ष होगा या कहीं वे कन्हैया तो नहीं चुनने जा रहे। 

 

एक सवाल आप से ?

जिले का वह कौन सा अस्पताल है जहां पर एक मरीज की उम्र महज घंटा-आधा घंटा बताया गया उसके बाद परिजनों ने तो बकायदा उसके दाह संस्कार तक की पूरी तैयारी कर ली थी?