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मदद के लिए केंद्र को भेजी रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में सूखे की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को पहली रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई है कि छत्तीसगढ़ के छह जिलों सहित 40 तहसीलों में सूखे के हालात बन रहे हैं। इन तहसीलों में औसत से कम बारिश होने के कारण खरीफ फसल चौपट होने के कगार पर है। धान की बियासी का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। समय पर राहत कार्य नहीं खोले गए तो राज्य से खेतिहर मजदूरों का अन्य राज्यों में पलायन हो सकता है।
प्रदेश में अब तक 873 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। राज्य के 27 जिलों में से 13 में औसत से कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इनमें महासमुंद व बलौदाबाजार में 70 फीसदी से भी कम बारिश हुई है। रायपुर, गरियाबंद, कोरबा, बिलासपुर, मुंगेली, राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, धमतरी व बस्तर जिले में भी औसत से कम वर्षा हुई है।
खरीफ फसलों के नजरी आकलन के बाद एक और रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके आधार पर केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की जाएगी। पिछले साल केंद्र से करीब 1275 करोड़ रुपए मिले थे। इस साल भी बड़ी राशि मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के सचिव के आर पिस्दा सूखा प्रभावित इलाकों के किसानों की मदद के लिए जिला स्तर पर आपात कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। फसलों को बचाने की कोशिश की जा रही है। यही हालात रहे तो पेयजल व पशुचारा की समस्या उत्पन्न् हो सकती है।
MadhyaBharat
4 September 2016
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