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अमित जोगी बोले महानदी पर पहला अधिकार छत्तीसगढ़ के किसानों का
 पोलावरम परियोजना

 

पोलावरम के विरोध में क्षेत्रीय दलों का बना मजबूत गठजोड़

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) द्वारा पोलावरम परियोजना के विरोध में चलाया जा रहा आंदोलन उस समय और प्रबल हो उठा जब उसे ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल(बीजद) का साथ मिल गया। पूर्व घोषणानुसार छजकां ने  जगदलपुर से सुकमा होते हुए मलकानगिरी तक बस यात्रा निकाली। इस यात्रा का नेतृत्व मरवाही विधायक अमित जोगी व छजकां नेता धरमजीत सिंह ने किया। इस दौरान  वरिष्ठ कांग्रेस विधायक सियाराम कौशिक भी पोलावरम परियोजना का विरोध करने के लिए पहुंच गए और बस यात्रा में शामिल हुए। इस दौरान मलकानगिरी में बीजेडी और छजकां  दोनों ही दलों के हजारों कार्यकर्ता मौजूद थे।

मलकानगिरी पहुंचने के बाद "बस यात्रा" एक सभा में तब्दील हो गई। यहां ओडिशा के बीजद सरकार में शहरी विकास मंत्री पुष्पेंद्र सिंहदेव और मलकानगिरी के बीजद विधायक मानस मडकामी ने धरमजीत सिंह व अमित जोगी का स्वागत किया। संयुक्त सभा को ओडिशा सरकार के मंत्री  पुष्पेंद्र सिंहदेव, विधायक मानस मडकामी और छजकां के धरमजीत सिंह, मरवाही विधायक अमित जोगी व कांग्रेस विधायक सियाराम कौशिक ने संबोधित किया।

अमित जोगी ने सभा को ओड़िया में संबोधित कर उपस्थिति सभी लोगों का मनमोह लिया । ओडिया में बोलते हूए उन्होंने कहा कि मैं, बीजू जनता दल के सभी साथियों, मलकानगिरी निवासियों,  पुष्पेंद्र सिंहदेवजी तथा विधायक भाई मानसजी का हृदय से धन्यवाद देता हूँ कि आपने हमे अपने बीच आने का मौका दिया। मैं केवल इतना कहूंगा कि पोलावरम के विरोध में हम सब एक हैं। मोदीजी को छत्तीसगढ़ और ओडिशा के साथ अन्याय नहीं करने देंगे। छत्तीसगढ़ और ओडिशा का एक इंच भी जमीन हम डूबने नहीं देंगे।  राष्ट्रीय पार्टियां भाजपा और कांग्रेस को ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। अपने फायदे के लिए पोलावरम बना रहे हैं,  और दोनों तरफ के लोगों को डुबाना चाहते हैं। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे।  जमीन से मिट्टी उठाते हुए अमित जोगी ने कहा कि ये मिट्टी माँ है हमारी, इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता। हम मिलकर लड़ेंगे। 

बीजेडी के साथ पोलावरम और महानदी दो अलग-अलग मुद्दों पर अमित जोगी ने कहा कि पोलावरम से बस्तर डूबेगा और इसलिए जो पोलावरम का विरोध करेगा हम उसके साथ हैं। जहाँ तक महानदी की बात है बीजेडी अपने राज्य के हितों के लिए लड़ रही है और हम अपने। महानदी पर हमारा निति और नियत साफ़ है - महानदी पर पहला अधिकार छत्तीसगढ़ के किसानों का है। और उन्हें उनका अधिकार दिलाने हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हमे बैराजों से कोई आपत्ति नहीं लेकिन उद्योगों के साथ साथ सिंचाई के लिए कितना पानी उपलब्ध होगा, होगा भी या नहीं। इन्ही सब बातों को लेकर हमने रमन सरकार से श्वेत पत्र जारी करने कहा है ताकि जनता जान सके सरकार की नियत क्या है। अभी तक जो भी घटनाक्रम हुआ है, उससे ये साफ़ है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार केवल इस मामले में राजनीति कर इसे लटकाए रखना चाहते हैं . बीजेडी ओडिशा का राजनैतिक दल है, उनके अपने क्षेत्रीय मुद्दे हैं, हमारा बीजेडी का विरोध करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता।  हम छत्तीसगढ़ के राजनैतिक दल हैं, हमारी लड़ाई छत्तीसगढ़ के लिए है, बदहाल व्यवस्था से है, रमन सरकार की खोटी नीति से है। महानदी मामले में हमारी लड़ाई सरकार के दोगलेपन से है।  अमित जोगी ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है महानदी से अगर छत्तीसगढ़ के किसानों को फायदा नहीं होगा तो ये छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामी है किसी और दल या संगठन को दोष देने का कोई अर्थ नहीं बनता।

छजकां के वरिष्ठ नेता एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष धर्मजीत सिंह ने मलकानगिरी में अपने संबोधन में कहा कि पोलावरम परियोजना का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, फिर भी केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर इसके सभी खर्च वहन करने का आदेश जारी कर दिया जो छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा तीनों राज्यों के प्रभावित लाखों लोगों के साथ अन्याय है । पोलावरम परियोजना बस्तर के एक बड़े हिस्से को न सिर्फ डूबो देगी बल्कि संरक्षित जनजातियों एवं खनिज संपदाओं का भी सर्वनाश कर देगी । छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) ने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल जनसुनवाई की व्यवस्था की जाए तथा प्रभावित क्षेत्रों का जॉइंट सर्वे कराया जाए जिससे पोलावरम परियोजना के प्रभावित क्षेत्रों में पर्यावरण तथा सामाजिक प्रभाव का सही आंकलन हो सके। ज्ञात हो कि अभी तक प्रभावित क्षेत्रों में होने वाले नुक्सान के जितने आंकडें या रिपोर्ट सामने आयी है वो सभी सर्वे केवल आँध्रप्रदेश सरकार द्वारा किये गए हैं जिसकी विश्वसनीयता पर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) ने सवाल उठाया है।

पोलावरम के विरोध में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सियाराम कौशिक भी छजकां की जगदलपुर से मलकानगिरी तक की  "बस यात्रा" में शामिल हुए । ओडिशा के मलकानगिरी में संयुक्त सभा को संबोधित करते हुए बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक ने कहा मैं पहले छत्तीसगढ़िया हूँ। छत्तीसगढ़ का हित और यहाँ के लोगों का भविष्य मेरी पहली प्राथमिकता है । सियाराम ने कहा कि 45 हज़ार बस्तरवासियों के सर्वनाश होने से रोकने के लिए, दलगत निष्ठा से ऊपर उठकर पोलावरम परियोजना के विरुद्ध एक साथ मिलकर लड़ने की आवश्यकता है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और साथी कांग्रेसी विधायकों से अपील करते हुए सियाराम कौशिक ने कहा कि वो दिल्ली के दबाव से न डरें, बस्तरवासियों के हित में पोलावरम के विरुद्ध आवाज़ उठाएं।  सियाराम कौशिक ने कहा कि कन्हेर, रिहन्द और पोलावरम, इसी तरह छत्तीसगढ़ डूबता रहा तो एक दिन छत्तीसगढ़ का नामोनिशान मिट जाएगा। इसलिए छत्तीसगढ़ के सभी राजनैतिक दलों का पहला धर्म और पहला कर्तव्य छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा करना होना चाहिए चाहे उसके लिए जो भी करना पड़े।

पोलवरम के विरुद्ध छजकां, टीआरएस और बीजद एक साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं । राष्ट्रपति से संयुक्त रुप से मिलकर पोलावरम का विरोध करने तथा आने वाले दिनों में संयुक्त विशाल जनांदोलन खड़ा करने को छजकां अंतिम रूप दे रही है। पोलावरम परियोजना के विरोध में पहले तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) और अब बीजू जनता दल (बीजद) के साथ आने से छजकां का मनोबल और बढ़ गया है।

विधायक अमित जोगी पोलावरम का विरोध काफी समय से करते आ रहे हैं इसी सिलसिले में उनका प्रयास रहा है कि  पोलावरम के विरोध में सभी क्षेत्रीय ताकतें एकजुट हों। उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि पहले उन्हें टीआरएस का समर्थन हासिल हुआ और यह तय हुआ था कि दोनों क्षेत्रीय दल छत्तीसगढ़ एवं तेलेंगाना के लोगों के हितों की रक्षा के लिए में नीलू (जल), निदुलु (निधि) तथा नियामकालु (रोजगार) की सैद्धान्तिक लड़ाई साझा रूप से साथ मिलकर लड़ेंगे। इसके बाद अब पोलावरम के विरोध में बीजद का भी समर्थन हासिल होने के बाद यह आंदोलन और भी मजबूत हुआ है।

 

MadhyaBharat 21 September 2016

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