सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का निर्जला उपवास
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का निर्जला उपवास

 

छत्तीसगढ़ सरकार के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले युवा साथियों राजेंद्र तिवारी, योगेश साहू एवं सतीश कुमार नवरंगे  की प्रशासनिक हत्या के विरोध में एवं वीर शहीद आदित्य शरण कँवर को अशोक चक्र देने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) ने  प्रदेशभर में \"निर्जला उपवास\" रखा। बता दें कि बिल्हा के युवा राजेंद्र तिवारी ने एसडीएम की प्रताड़ना से तंग आकर आत्मदाह कर लिया था तो राजधानी में सीएम हाउस के सामने बेरोजगारी से त्रस्त होकर  युवा योगेश साहू ने आत्महत्या कर ली थी वहीं जांजगीर के नरियरा गांव के युवा सतीश कुमार नवरंगे ने तो महज बिजली न होने की शिकायत की थी तथा भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई थी लेकिन पुलिसिया पिटाई से उनको भी मार दिया गया । छजकां ने इसे प्रशासनिक हत्याएं बताते हुए  प्रदेशभर में “निर्जला उपवास” रखा। इस दौरान इन प्रशासनिक हत्याओं की सीबीआई से जांच और नक्सल हमले में शहीद हुए जवान आदित्य शरण कंवर को अशोक चक्र देने की मांग भी रखी गई। राजधानी में इस उपवास में छजकां अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके साथ राजेंद्र तिवारी, योगेश साहू, सतीश कुमार नवरंगे और शहीड आदित्य शरण कंवर के परिजन भी शामिल रहे। उपवास के बाद राजधानी रायपुर में छजकां कार्यकर्ताओं ने राजभवन जाकर राज्यपाल  के नाम मांग पात्र सौंपा वहीं प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा।

निर्जला उपवास के दौरान श्री जोगी ने कहा कि रमन सरकार में डॉ रमन सिंह सिर्फ नाम के मुखिया हैं, सरकार तो अफसर चला रहे हैं, इसी का नतीजा है कि पूरे प्रदेश में अफसरशाही हावी है और प्रशासनिक हत्याएं हो रही हैं। युवाओं का या तो शोषण हो रहा या फिर वे कुचल दिए जा रहे हैं। उन्हें या तो आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया जा रहा या फिर सतीश कुमार नवरंगे की तरह पुलिसिया पिटाई से उनकी मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट और कुशासित सरकार के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले युवा साथियों राजेंद्र तिवारी, योगेश साहू एवं सतीश कुमार नवरंगे की प्रशासनिक हत्या के विरोध में एवं वीर शहीद आदित्य शरण कँवर को अशोक चक्र देने की मांग को लेकर  \"निर्जला उपवास\" रखा गया है।

अजीत जोगी ने कहा कि रमन सरकार में संवेदनशीलता नाम का अंश भी नहीं है, नक्सल मोर्चे पर लड़कर जवान अस्पताल में शहीद हो जाता है लेकिन मुख्यमंत्री के पास अस्पताल जाने का समय नहीं होता। छत्तीसगढ़ में अब अपराध से ज्यादा प्रशासनिक हत्याएं हो रही हैं, कोई अफसर से परेशान हो कर आत्मदाह कर रहा, कोई नौकरी की आस लिए आत्मदाह कर रहा तो कोई शिकायत करने पर पुलिसिया पिटाई से मर रहा है। क्या यही भाजपा सरकार का राम राज है? या छत्तीसगढ़ में सरकार सिर्फ नाम की और मूक दर्शक है? सरकार अफसर चला रहे हैं? राजेंद्र तिवारी आत्मदाह का मामला हो या सीएम हाउस के सामने योगेश साहू का आत्मदाह या फिर अभी हाल में पुलिस पिटाई से मृत सतीश नवरंगे का मामला हो। तीनों ही मामले इस बात के गवाह हैं कि रमन राज में आम जनता की, युवाओं की आवाज, उनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है, ये सब सिर्फ पीड़ित ही होते रहेंगे।

छजकां अध्यक्ष ने कहा कि रमन शासन में छत्तीसगढ़ की जनता त्रस्त हो चुकी है, लेकिन छजकां अब ऐसा नहीं होने देगी। जनता के कंधे से कंधा मिलाकर हम उनके हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, समय आ गया है कि अब रमन सरकार को उखाड़ फेंका जाए। छत्तीसगढ़ अब रमन मुक्त छत्तीसगढ़ बनेगा।