राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने हिन्दी भवन में राज्य-स्तरीय प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिता के विजेता-उप विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। विषय \'बच्चों का समग्र विकास भारतीय संस्कारों से ही संभव\'\' था। इस विषय पर विभिन्न जिले से आये प्रतिभागियों ने पक्ष और विपक्ष में अपनी बात रखी।
मंत्री गुप्ता और सांसद आलोक संजर ने पक्ष में बोलने वाली विजेता कु. प्रियदर्शिनी भोपाल, उप विजेता श्री शशांक तिवारी रायसेन और विपक्ष की विजेता वक्ता कु. शकीला अंजुम जबलपुर और उप विजेता कृतिका को पुरस्कृत किया। पुरस्कार के रूप में विजेता को 5000 और उप विजेता को 3000 नगद, स्मृति-चिन्ह और प्रशस्ति-पत्र दिये गये। पुरस्कार स्व. पन्नादेवी महावीर प्रसाद केड़िया की स्मृति में दिये गये। प्रतियोगिता में प्रदेश के 16 जिले के प्रतिभागी शामिल हुए।
राजस्व मंत्री गुप्ता ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी अपने कॅरियर के प्रति जागरूक है। पहले 60 प्रतिशत अंक लाना ही सम्मान की बात मानी जाती थी, आज तो बच्चे शत-प्रतिशत अंक ला रहे हैं। उन्होंने हिन्दी की महत्ता बताते हुए कहा कि मूल विचार तो मातृभाषा में ही आते हैं। श्री गुप्ता ने कहा कि भारतीय संस्कार और संस्कृति में बहुत लचीलापन है। इसी कारण भारतीय संस्कृति में अन्य संस्कृतियों का समावेश सरलता से हो जाता है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के अनुसार योजना बनायें तो सफलता जरूर मिलेगी।
सांसद आलोक संजर ने कहा कि हिन्दी का बीज आँगन में बोयें। उन्होंने कहा कि माटी, रोटी, बेटी, लंगोटी, चोटी, सांटी संस्कारित कर लें तो सब ठीक हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अध्ययन में ही सफलता का सूत्र छिपा हुआ है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष श्री सुखदेव प्रसाद दुबे और श्री सुशील केड़िया ने भी विचार व्यक्त किये। श्री केड़िया द्वारा ही माता-पिता की स्मृति में पुरस्कार की राशि दी जाती है। इस दौरान विभिन्न जिलों से आये विद्यार्थी, शिक्षक एवं अभिभावक उपस्थित थे।