रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नई ब्राडगेज लाइन पर जबलपुर से सुकरी मंगेला तक ट्रेन का मंच से बटन दबा ग्रीन सिग्नल देकर शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। नैरोगेज को ब्रॉडगेज में बदलने में रेलवे को 38 साल लग गए। पहली बार मंगलवार को यात्रियों को लेकर पैसेंजर ट्रेन जबलपुर के मदलमहल स्टेशन से सुकरी मंगेला के लिए रवाना हुई। 46 किमी की दूरी ट्रेन 30 किमी की रफ्तार से तय करेगी।
जबलपुर-सुकरी पैसेंजर चलने से यात्रियों को आवागमन में राहत मिलेगी। मदन महल टर्मिनल- मुख्य स्टेशन से ट्रेनों के लोड कम होगा। मुख्य रेलवे स्टेशन में वाईफाई सुविधा से पैसेंजर को मुफ्त इंटरनेट मिलेगा। इसके साथ ही मुख्य रेलवे स्टेशन में वाटर वेडिंग मशीन से प्लेटफार्म पर सस्ता आरओ वाटर मिलेगा।
1978 से जगी थी आस
जबलपुर से महाराष्ट्र के गोंदिया तक 285.4 5 किमी नैरोगेज थी। इस ट्रैक का ब्रॉडगेज में बदलने के लिए 1978 में योजना बनी थी। सर्वे कार्य शुरू किया गया। इसके बाद प्रोजेक्ट पर कोई कार्य नहीं हुआ। 1996-97 में रेलवे बोर्ड ने प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे दी।
तीन गुना ज्यादा बढ़ गई लागत : शुरुआत में इस प्रोजेक्ट के लिए 386.30 करोड़ का बजट तय किया गया। लेकिन प्रोजेक्ट की देरी की वजह से इसकी लागत तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई। इस समय लागत लगभग 12 सौ करोड़ हो गई है।