ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट – 2016
मध्यप्रदेश के उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने 22-23 अक्टूबर 2016 को इंदौर में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2016 में शामिल होने वाले देश - दुनिया के औद्योगिक और व्यवसायिक घरानों के प्रतिनिधियों का आत्मीय स्वागत करते हुए उनके प्रति ह्रदय से अपनी कृतज्ञता प्रकट की है। श्री शुक्ल ने उद्योगपतियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि देश के हृदय प्रदेश में निवेश के लिए सबसे अनुकूल माहौल है।
मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश की लगातार बढ़ती विकास दर निवेश की संभावनाओं को प्रबल करती है। प्रदेश में अब न सिर्फ सिंगल टेबल के कॉन्सेप्ट के आधार पर उद्योग लगाने की सभी कार्रवाई मौके पर की जा रही है, बल्कि राज्य सरकार ने प्रदेश लघु-कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिये एक अलग विभाग भी बनाया है। साल 2014 में हुई जीआईएस में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये के प्रदेश में निवेश की सकारात्मक संभावनाओं को प्रबल करते हुए रूचि दिखाई। मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप इस समिट में निवेश की पहल से प्रदेश के युवाओं को न केवल बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे बल्कि उन्हें अपने कौशल के प्रदर्शन के लिये नया मंच भी मिलेगा।
उद्योग मंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में भूमि अधिग्रहण की भी आवश्यकता नहीं है। उद्योग लगाने के लिये राज्य सरकार ने लेण्ड-बैंक बनाया है। इसमें 26 हजार हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। इतना ही नहीं, निवेशक प्रदेश में किसी भी स्थान से ऑनलाइन उद्योग लगाने के लिये भूमि ले सकते हैं। साथ ही राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को पूरी स्वतंत्रता है कि वे अपनी पसंद के मुताबिक किसी भी सेक्टर में निवेश कर सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में यकीनन, हमारा प्रदेश विकास के गगन में नित नई ऊँचाइयों को छू रहा है।
श्री शुक्ल ने उद्योगपतियों को यह भरोसा दिलाते हुए कहा कि प्रदेश में निवेश के लिये संचालित आकर्षक उदार नीति, उद्योगों के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ ही प्रदेश की बेहतर और संतुलित अर्थ-व्यवस्था कई मायनों में अहम है। राज्य सरकार की कोशिशों का ही प्रतिफल है कि शांति के टापू के रूप से पहचाना जाने वाला प्रदेश अब \'औद्योगिक शांति टापू\' के नाम से देश- दुनिया में पहचाना जाने लगा है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में देश का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान \'कृषि कर्मण अवार्ड\' लगातार चार बार मध्यप्रदेश की झोली में आना, राज्य सरकार की सफल नीतियों और योजनाओं का सुफल ही नहीं, बल्कि प्रदेश में हरित क्रांति की सफलता का परिचायक है।
श्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का औद्योगिक क्रांति का सपना अब सच में तब्दील हो रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने कई सराहनीय कदम भी उठाये हैं। प्रदेश के हर संभागीय मुख्यालय को फोरलेन सड़क मार्ग से जोड़ना हो, उद्योगों की बेहतर ब्रांडिंग करना हो, प्रदेश में बिजली की भरपूर व्यवस्था हो, उद्योगों को सभी बुनियादी सुविधाएँ और सुदृढ़ अधोसंरचना मुहैया करने में राज्य सरकार अग्रणी है। राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने देश और दुनिया को मध्यप्रदेश की खूबियों से परिचित कराने के लिये देश में न केवल रोड शो किये बल्कि दुनिया के सभी प्रमुख देशों में स्वंय जाकर प्रदेश की विकास गाथा से उन्हें परिचित कराया। इसी का नतीजा है कि आज विश्व के फलक पर मध्यप्रदेश जाना-पहचाना नाम बन गया है।
श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए हर क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई हैं। इसके परिणाम भी अब जमीनी स्तर पर दिखने लगे हैं। इतना ही नहीं प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए देशभर से ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के शीर्षस्थ उद्योगपतियों और व्यवसायिक घरानों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश की ओर रूख किया है। निश्चित रूप से औद्योगिक क्षेत्र में हिन्दुस्तान का दिल दुनियाभर में अपना कीर्तिमान स्थापित करने को तैयार है।