मध्यप्रदेश बनेगा देश का सप्लाई हब - केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री जेटली
विकास और समृद्धि के लिये निवेशक और सरकार मिलकर साथ चलें - मुख्यमंत्री श्री चौहान
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद देश की अर्थ-व्यवस्था में सप्लाय चेन का महत्व होगा, जिसमें मध्यप्रदेश अपनी बेहतर भौगोलिक स्थिति के कारण देश का सप्लाय हब बनेगा। इस बात को ध्यान में रखकर निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश करें। केन्द्रीय मंत्री श्री जेटली आज इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 के शुभारंभ सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। इस समिट में 42 देश के लगभग 4000 निवेशक और उनके प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। समिट में यूके, साऊथ कोरिया, जापान, यूएई, सिंगापुर के राजदूत और निवेशक प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री जेटली ने कहा कि इन दिनों देश में निवेश का बेहतर वातावरण बना है। सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश की गति बढ़ी है। उसी गति के अनुरूप निजी क्षेत्र भी निवेश करे। मध्यप्रदेश में निवेश करने वाले को बेहतर अनुभव होगा। मध्यप्रदेश अपने ऐतिहासिक भौगोलिक नुकसान को लाभ में बदलकर उभरने वाले राज्य की मिसाल बना है। तेरह वर्ष पहले मध्यप्रदेश सड़क, बिजली और पानी के क्षेत्र में पिछड़े राज्यों में था और बीमारू माना जाता था। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के वर्तमान नेतृत्व और राज्य सरकार ने अधोसंरचना के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। आज मध्यप्रदेश की सड़कें बेहतर हैं और बिजली के क्षेत्र में राज्य पावर सरप्लस है। किसानों को सिंचाई के लिये पानी की बेहतर सुविधाएँ हैं। राज्य सरकार ने संसाधनों का उपयोग लोगों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिये किया है। इससे प्रदेश की कृषि विकास दर लगातार 20 प्रतिशत से अधिक रही तथा लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी। कृषि अर्थ-व्यवस्था में सुधार तथा लोगों की क्रय शक्ति बढ़ने का समग्र प्रभाव राज्य की अर्थ-व्यवस्था पर भी पड़ा। मध्यप्रदेश देश की अर्थ-व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की स्थिति में आ गया है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर उन्हीं राज्यों में ज्यादा रही जहाँ नेतृत्व में स्थायित्व है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अधोसंरचना है। शैक्षणिक हब बन रहा है। नेतृत्व में स्पष्टता है। बड़ा कंज्यूमर बेस है। अभी मध्यप्रदेश का सर्वश्रेष्ठ सामने आना शेष है।
केन्द्रीय मंत्री जेटली ने कहा कि अब राज्य सरकार का जोर शहरी अधोसंरचना, कौशल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश पर है। इन दिनों देश में भी अनुकुल परिस्थितियाँ बनी हैं। केन्द्र में राजनीतिक परिवर्तन के बाद बेहतर वातावरण बना है। वैश्विक स्तर पर क्रूड आइल की कीमतें गिरने का फायदा देश को हुआ है। आर्थिक संसाधनों की बचत से अधोसंरचना और ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के लिये ज्यादा राशि उपलब्ध हुई है। देश में अच्छी वर्षा से खाद्य उत्पादन बढ़ेगा। मुद्रास्फीति कम होगी। विश्व के कई देशों में मंदी का असर हुआ है। देश के लिये यह अवसर एक चुनौती के रूप में सामने आया है। मध्यप्रदेश ऐसा राज्य बनकर उभरा है, जिसमें नेतृत्व ने सफलतापूर्वक आगे बढ़ने की तीव्र आकांक्षा को साकार किया है। उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान को बधाई देते हुए कहा कि स्पष्ट रोडमेप और इच्छाशक्ति से उन्होंने प्रदेश को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का अर्थ सिर्फ बिजनेस मीट नहीं है। जीआईएस में 4जी है। गुडविल यानि भरोसा, ग्रोथ यानि समावेशी विकास, गारंटी और गुड गवर्नेंस। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में 175 इकाइयों ने काम करना शुरू कर दिया है। नवकरणीय ऊर्जा में 92 इकाइयों ने काम करना शुरू कर दिया है। पिछले दो साल में दो लाख 75 हजार करोड़ रूपए की उद्योग इकाइयाँ स्थापित हो गई हैं। मध्यप्रदेश की विशिष्टताएँ गिनाते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सर्वाधिक औद्योगिक मित्र प्रदेश बन गया है। हर क्षेत्र में निवेश की नीतियाँ बनाई गई हैं और प्रभावी रूप से समस्याओं का समाधान करने का तंत्र स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि सवा लाख एकड़ का भूमि बैंक उद्योगों के लिये बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में निवेश करने की अनुकूल परिस्थितियों को रेखांकित करते हुए कहा कि यहाँ औद्योगिक शांति है, मानव दिवसों का नुकसान नहीं होता। प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध है। सिंगल विण्डों के बजाय अब सिंगल टेबल व्यवस्था है। श्री चौहान ने कहा कि उद्योगों के लिये जितनी भी जरूरी शासकीय सेवाएँ हैं उन्हें लोक सेवा प्रदाय गारंटी नियम में लाया गया है। करीब 300 सेवाएँ इसके अंतर्गत लायी गयी हैं। श्री चौहान ने कहा कि व्यापार को आसान बनाने में मध्यप्रदेश देश के सर्वोच्च पाँच राज्य में शामिल है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को विकास और समृद्धि में भागीदार के रूप में सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जितने भी निवेश प्रस्ताव पिछले दो साल में मिले हैं उन्होंने एक साल के अंदर ही उत्पादन शुरू कर दिया है। ऑनलाईन निवेश प्रस्ताव भी हमने स्वीकृत किये हैं। श्री चौहान ने सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में निवेशकों को किसी भी प्रकार की समस्याएँ नहीं आयेंगी। निवेशक और सरकार साथ मिलकर काम करेगी तो विकास और समृद्धि के नये रास्ते भी खुलेंगे। श्री चौहान ने कहा कि विकास का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाने के लिये सभी कदम उठाये गये हैं। आनंद मंत्रालय का गठन किया गया है। मंत्रालय के जरिये नागरिकों को अर्थपूर्ण जीवन जीने के लिये प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के साथ आध्यात्मिक उन्नति और शांति भी जरूरी है। उन्होंने निवेशकों का आव्हान किया कि वे अपने निवेश प्रस्ताव बनाते समय मध्यप्रदेश का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि इस इन्वेस्टर्स समिट में दो हजार से ज्यादा निवेशकों ने 10 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा के निवेश के प्रस्तावदिये हैं।
मध्यप्रदेश अब निवेशक मित्र राज्य : तोमर
केन्द्रीय पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने समिट को सफल बताते हुए कहा कि इसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री चौहान के करिश्माई नेतृत्व को जाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 के पहले कोई भी निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश के बारे में सोचता भी नहीं था। आज मध्यप्रदेश निवेश मित्र राज्य बन गया है। इसके पीछे श्री चौहान की कड़ी मेहनत है जो अब साफ दिख रही है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। ग्रामीण विकास का पूरा परिदृश्य बदल गया है। उन्होंने कहा कि श्री चौहान अपने सफल कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे कर रहे हैं। मध्यप्रदेश उनके नेतृत्व में और आगे बढ़ेगा। एक देश और एक कर से मध्यप्रदेश को फायदा होगा।
मध्यप्रदेश बना गुड गवर्नेंस का मानक : प्रसाद
केन्द्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में टीम इंडिया के प्रयासों से भारत विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। इसमें औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में टीम इंडिया के कैप्टन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी हैं, तो मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ओपनिंग बेट्समेन हैं। श्री चौहान के नेतृत्व में पिछले ग्यारह वर्षों में मध्यप्रदेश का समग्र विकास हुआ है। श्री प्रसाद ने कहा कि मध्यप्रदेश में न केवल सिंचाई, कृषि, बिजली, उद्यानिकी एवं अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में काम हुआ है बल्कि सूचना एवं तकनीकी विकास के क्षेत्र में व्यापक काम हुए हैं। मध्यप्रदेश ने गुड गवर्नेंस का मानक स्थापित किया।
श्री प्रसाद ने कहा कि देश में डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टेण्डअप इंडिया, मेक इन इंडिया, जन-धन योजना आदि कार्यक्रमों से प्रगति के नये मानदण्ड स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैंक खाते आधार से जुड़ने के बाद सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा हो रही है, जिससे 36 हजार करोड़ रूपये की बचत हुई है। देश से इस वर्ष 8 लाख करोड़ रूपये के सूचना प्रौद्योगिकी उत्पाद निर्यात किये गये हैं। इलेक्ट्रानिक निर्माण के क्षेत्र में 40 मोबाईल निर्माण इकाइयाँ खुली हैं। मध्यप्रदेश में भी भोपाल और जबलपुर में इलेक्ट्रानिक मेन्यूफ्रेक्चरिंग क्लस्टर बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश इस क्षेत्र में ऐतिहासिक भूमिका निभा रहा है।
टेक्सटाईल क्षेत्र में होगा पतंजलि का निवेश -किसानों को 10 हजार करोड़ की आय होगी
पतंजलि प्रायवेट लिमिटेड के प्रमुख योगगुरू बाबा रामदेव ने कहा है कि भारत और मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर संतोषजनक बनी हुई है जबकि यूके और यूएस जैसी बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में मंदी है। उन्होंने कहा कि पतंजलि ग्रोथ की रेट अगले दो सालों में 200 प्रतिशत तक बढ़ जायेगी। हम चाहते हैं कि मध्यप्रदेश को भी इससे लाभ हो। उन्होंने खुद को वैश्विक नागरिक बताते हुए कहा कि अब पतंजलि लोगों की दवाइयों पर लगने वाला खर्च को बचाएगा। उन्होंने बताया कि टेक्सटाईल के क्षेत्र में पतंजलि बड़ा निवेश करने जा रहा है। अगले दो साल में पतंजलि के निवेश से किसानों की 10 हजार करोड़ रूपये की आय बढ़ेगी। दस हजार किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि का आर्थिक निवेश सेवा के लिये है लाभ के लिये नहीं। भारत में चार लाख करोड़ रूपये के चीनी सामानों की बिक्री होने का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में 25 लाख करोड़ रूपये के उत्पाद निर्यात करने की क्षमता है। श्री रामदेव ने मुख्यमंत्री चौहान को फकीर स्वभाव का मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि वे बड़ा सोचते हैं। सीधी बात करते हैं, मेहनती हैं। वे स्वभाव से फक्कड़ है और काम करने में अक्कड़ हैं। उन्होंने कहा कि श्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में आर्थिक और वैचारिक समृद्धि दोनों हैं। मध्यप्रदेश शांतिपूर्ण और सुरक्षित प्रदेश है और सभी दिशाओं में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया अब प्रकृति की ओर लौट रही है और इसमें जड़ी-बूटियों की खेती और प्र-संस्करण करने के क्षेत्र में मध्यप्रदेश बड़ा केन्द्र बन सकता है।
मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि बीते दो वर्ष में प्रदेश में 2 लाख 71 हजार करोड़ अर्थात् 41 बिलियन डॉलर का वास्तविक निवेश आ चुका है। लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों का निवेश इसके अतिरिक्त है। वर्ष 2015 में ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में प्रदेश पाँचवें स्थान पर आ चुका है। प्रदेश को लगातार कृषि कर्मण सम्मान मिला है। आरंभ में स्वागत भाषण प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मोहम्मद सुलेमान ने दिया।