एमपी में 600 से अधिक होटल बनाने के लिये निवेशक आमंत्रित
एमपी में 600  होटल

मध्यप्रदेश का पर्यटन सेक्टर निरंतर विकास कर रहा है। प्रदेश में वर्ष 2008 के मुकाबले 2015 में 14 करोड़ पर्यटक आये। पिछले साल के लिये देश के 12 पुरस्कार में से अकेले 6 पुरस्कार मध्यप्रदेश को ही मिले। पिछले 5 साल से प्रदेश पर्यटन में अग्रणी स्थान पा रहा है। संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेन्द्र पटवा ने यह बात आज इंदौर में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2016 के पर्यटन सत्र में कही।

पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष  तपन भौमिक ने कहा कि प्रदेश को देश में पर्यटन के क्षेत्र में प्रथम स्थान मिल रहा है, जिसे हम विश्व-स्तरीय बनाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में वाटर और हेरिटेज पर्यटन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। दिनांक 15 दिसम्बर 2016 से 15 जनवरी 2017 तक एक माह का जल महोत्सव बनाया जायेगा। नई पर्यटन नीति-2016 में बहुत सारी सुविधाएँ दी जा रही हैं।

अपर प्रबंध संचालक पर्यटन विकास निगम  तन्वी सुन्द्रियाल ने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए बताया कि प्रदेश में 600 से अधिक नये होटल खोले जायेंगे, जिसमें औसतन 25 कमरे होंगे। प्रदेश में 3 विश्व धरोहर, 8 एडवेंचर साइटस, 27 प्रसिद्ध मंदिर-मस्जिद, किले-महल, 25 वन्य प्राणी अभयारण्य और 7 टाईगर रिजर्व पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। पर्यटकों को असुविधा न हो, इसके लिये शासन हरसंभव प्रयास कर रहा है।

मुख्य महाप्रबंधक एयर इंडिया अश्विनी लोहानी ने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन के लिहाज से देश का सबसे समृद्ध राज्य है। यहाँ पिछले 10 साल में सड़कों की गुणवत्ता बढ़ने से पर्यटन का तेजी से विकास हुआ है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नेशनल और स्टेट हाईवे पर हर 40-50 किलोमीटर की दूरी पर कुल 3000 वे-साइड एमेनिटीज उपलब्ध हैं और 23 लगभग खुलने को तैयार हैं। डब्ल्यूएसए के लिये बिजनेस मॉडल तैयार किया गया है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ पर्यटन केबिनेट आरंभ की गई है। निवेशकों के लिये वित्तीय स्थिरता, शांत मानव संसाधन, मित्रवत नीति आदि उपलब्ध है। पाँच हेरिटेज होटल बनाये जा रहे हैं और 15 की कार्रवाई जारी है। मिन्टो हॉल 1909-हेरिटेज का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है।