टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के लिये उद्योग नीति में विशेष प्रावधान
मध्यप्रदेश पाँच सबसे बड़े कपास उत्पादक राज्यों में से एक है। औद्योगिक क्षेत्र में टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज ऐसी इंडस्ट्री है जिसके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। इस वजह से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को प्रोत्साहन दिया जाना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज के लिये प्रदेश में अनुकूल माहौल है। पिछले एक दशक में टेक्सटाइल इंडस्ट्री में मध्यप्रदेश में अच्छी ग्रोथ हुई है। यह विचार आज इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समानान्तर सत्र में टेक्टाइल इंडस्ट्रीज से जुड़े वक्ताओं ने व्यक्त किये।
सत्र के प्रारम्भ में एम.पी. ट्राइफेक के प्रबंध संचालक डी.पी. आहूजा ने मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल इंडस्ट्री के परिदृश्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में तैयार की गई उद्योग संवर्धन नीति में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के कई प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने प्रदेश में टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिये उपलब्ध जमीन के बारे में जानकारी दी। श्री आहूजा ने बताया कि कपड़ा उद्योग के लिये प्रदेश में पर्याप्त कपास उपलब्ध है। वर्तमान में प्रदेश में 65 बड़ी कपड़ा मिलें सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। इंदौर, उज्जैन, धार, देवास, खरगोन, खण्डवा, बुरहानपुर, ग्वालियर, छिन्दवाड़ा, जबलपुर और भोपाल टेक्सटाइल सेंटर के रूप में उभर कर सामने आये हैं।
उद्योग आयुक्त वी.एल. कान्ताराव ने बताया कि 4203 लूम्स, 53 हजार के करीब पावर लूम्स, 17 हजार 500 पावर लूम्स यूनिट और 49 स्पिनिंग यूनिट सफलता से काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि चंदेरी साड़ी बनाने वाले बुनकरों को आधुनिक सयंत्र उपलब्ध करवाये गये हैं।
वर्धमान टेक्सटाइल के ज्वाइंट मेनेजिंग डायरेक्टर सचिन जैन ने \'टेक्सटाइल सेक्टर में चुनौती\' पर विचार रखे। उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री में लगातार मॉर्डनाइजेशन से बदलाव आ रहे हैं। इस उद्योग में सिस्टम, स्टाइल, स्किल स्टाफ और शेयर वेल्यू में लगातार ध्यान देने की जरूरत होती है।
ट्राइडेंट लिमिटेड के चेयरमेन राजीन्दर गुप्ता ने \'मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लाभ\' पर विचार रखे। उन्होंने बताया कि इस उद्योग में महिलाओं को ज्यादा रोजगार मिलता है। मध्यप्रदेश में पर्याप्त संख्या में कुशल श्रमिक हैं। उन्होंने स्पिनिंग, प्रोसेसिंग, स्टिचिंग और कच्चे माल की उपलब्धता पर निवेश करने वाले प्रतिनिधियों को जानकारी दी। श्री गुप्ता ने बताया कि मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का गौरवशाली इतिहास रहा है। इंदौर की मिलें सारे देश में जानी जाती थीं। ट्राइडेंट के चेयरमेन ने बताया कि कपड़ा उद्योग से बड़ी संख्या में किसानों को रोजगार दिया जा सकता है।
टेक्सटाइल सेक्टर स्किल कॉउसिंल के सी.ई.ओ. श्री जे.वी. राव ने कपड़ा उद्योग में लगने वाले कुशल और अकुशल श्रमिकों के प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिये श्रमिकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार किया है। उन्होंने देश और मध्यप्रदेश में ट्रेनिंग सेंटर और फैशन डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट के बारे में जानकारी दी।